जब हम जादू की बात करते हैं तो लगता है कि कुछ रहस्यमयी हो रहा है जो हमारी समझ से बाहर है। लेकिन जब वही जादू विज्ञान के ज़रिए समझाया जाता है तो वह और भी रोचक और मज़ेदार लगने लगता है। ऐसा ही अनुभव होता है अहमदाबाद के खोज म्यूजियम में जहाँ विज्ञान को इस तरह से प्रस्तुत किया गया है कि हर किसी को वह जादू जैसा लगता है।

1. बर्ड और केज वाला इल्यूजन
यहाँ एक मशीन है जिसके एक तरफ चिड़िया की तस्वीर है और दूसरी तरफ पिंजरे की। जब इस मशीन को तेज़ी से घुमाया जाता है तो ऐसा लगता है कि चिड़िया पिंजरे के अंदर है लेकिन असल में यह एक ऑप्टिकल इल्यूजन है।
इसमें ऐसा होता है कि हमारी आंखें और दिमाग इतनी तेज़ी से बदलती तस्वीरों को एक साथ देखने लगते हैं कि हमें दोनों तस्वीरें एक ही समय में दिखने लगती हैं। इसी कारण हमें लगता है कि चिड़िया पिंजरे में है।
2. मिरर ट्रिक – एक आंख से देखो और जादू समझो
एक और ट्रिक है जिसमें एक मिरर और एक छिपी हुई इमेज का इस्तेमाल होता है। इसमें अगर आप ध्यान से देखें एक आंख बंद करके और खास एंगल से मिरर में झांकें, तो आपको एक अद्भुत इमेज दिखाई देती है जो पहले नहीं दिख रही थी। यह भी एक प्रकार का रिफ्लेक्शन का खेल है यानि प्रकाश का प्रतिबिंब।

3. ट्रैक्सीनोस्कोपे – स्थिर तस्वीरों से चलती कहानी
एक और दिलचस्प चीज़ है ट्रैक्सीनोस्कोपे, जिसमें 12-13 तस्वीरें होती हैं जैसे घोड़े की दौड़ने की अलग-अलग स्टेप्स। जब इस मशीन को घुमाते हैं तो लगता है जैसे घोड़ा तेज़ी से दौड़ रहा है। यह भी एक प्रकार की मूवी मेकिंग की शुरुआती तकनीक है – जिसमें स्टिल इमेजेज को तेज़ी से दिखाकर मूवमेंट का एहसास कराया जाता है।
4. फोटोज़ से बनती कहानी – टाइगर और लायन
इस हिस्से में अलग-अलग तस्वीरें खींची गई हैं जैसे टाइगर और लायन पहले दूर हैं फिर पास आते हैं फिर एक मोमेंट पर गिरते हैं। इन तस्वीरों को क्रम में देखकर एक पूरी कहानी बनती है। इसे हम फोटोग्राफी सीक्वेंस कह सकते हैं जो फिल्मों का भी आधार है।

5. सॉइल फिल्टर – धरती कैसे पानी को साफ करती है
यहाँ एक गिलास में गंदा पानी लिया गया और उसमें अलग-अलग परतें जैसे रॉक्स, सैंड, डार्क सॉइल, चारकोल डाली गईं। जैसे ही पानी ऊपर से नीचे बहता है, वह हर परत से साफ होता जाता है और नीचे से साफ पानी निकलता है। यही तरीका हमारी धरती में भी होता है जिससे हैंडपंप से साफ पानी आता है। यह प्राकृतिक जल शुद्धिकरण प्रक्रिया है।

6. डैम और हाइड्रोपावर का मॉडल
डैम का एक मॉडल भी यहाँ दिखाया गया है। इसमें पानी एक ऊँचाई पर जमा होता है। जब यह पानी नीचे गिरता है तो उसमें लगे टरबाइन को घुमाता है, जिससे बिजली बनती है। इसे हाइड्रोपावर कहते हैं।
जितना तेज़ पानी गिरेगा उतनी ही ज़्यादा बिजली बनेगी। इसमें पानी की ताकत को बिजली में बदलने की तकनीक दिखाई गई है।
7. विज्ञान और खेल का मेल – मज़ेदार गैजेट्स
इस म्यूजियम में कई ऐसे टॉयज़ और गैजेट्स हैं जो दिखने में तो खेल जैसे हैं लेकिन उनके पीछे गहरा विज्ञान छिपा है। हर एक प्रयोग कुछ न कुछ सिखाता है जैसे प्रकाश, गति, प्रतिबिंब, ऊर्जा आदि के बारे में। दीवारों पर भी बहुत सी जानकारी दी गई है ताकि हर कोई सीख सके।
निष्कर्ष
खोज म्यूजियम विज्ञान को एकदम आसान और मजेदार तरीके से समझाने की कोशिश करता है। यहाँ आपको हर कोने में ऐसा लगेगा जैसे आप किसी जादू की दुनिया में हैं लेकिन हर जादू के पीछे है मजबूत वैज्ञानिक तर्क।अगर आप बच्चों के साथ या खुद विज्ञान को करीब से महसूस करना चाहते हैं तो एक बार खोज म्यूजियम जो की अहमदाबाद में है वह पर आप ज़रूर जाएं। यहाँ विज्ञान से आपका रिश्ता और भी गहरा हो जाएगा।
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