चलता फिरता ऑफिस


आज के समय में पोर्टेबल ऑफिस एक नया और प्रभावी समाधान बन चुका है। ये पोर्टेबल, मजबूत और सुविधाजनक होते हैं। कई कंपनियां अब इनका उपयोग कर रही हैं क्योंकि इन्हें कम समय में तैयार किया जा सकता है और इन्हें आसानी से एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाया जा सकता है। "सहारा कंटेनर" इसी क्षेत्र में काम कर रहा है और उच्च गुणवत्ता वाले ऑफिस कंटेनर, पोर्टेबल टॉयलेट, केबिन और एकोमोडेशन तैयार करता है।

पोर्टेबल ऑफिस बनाने की प्रक्रिया
पोर्टेबल ऑफिस बनाने के लिए कई चरणों से गुजरना पड़ता है। सबसे पहले, इसके ढांचे के लिए मजबूत मेटल स्क्वायर पाइप्स का उपयोग किया जाता है। इन पाइप्स को वेल्डिंग करके एक मजबूत फ्रेम तैयार किया जाता है। यह फ्रेम ऑफिस की नींव होती है जो इसे मजबूती प्रदान करता है।
फ्लोरिंग और विंडो इंस्टॉलेशन
बेस बनने के बाद फ्लोरिंग के लिए सीमेंट शीट लगाई जाती है, जिससे इसकी मजबूती बढ़ती है। इसके बाद, खिड़कियों की कटिंग की जाती है और उनमें मजबूत सेक्शन लगाए जाते हैं, ताकि वे टिकाऊ और सुरक्षित रहें। पूरे ढांचे की फ्रेमिंग के दौरान इलेक्ट्रिकल वायरिंग भी फिट की जाती है जिससे बाद में कोई परेशानी न हो।
छत और वॉटरप्रूफिंग
छत को पूरी तरह से मजबूत शीट्स से कवर किया जाता है। इसे विशेष डिज़ाइन में हार्ट-शेप दिया जाता है जिससे बारिश का पानी आसानी से बह सके और छत पर न रुके। कंटेनर की नीचे की सतह को पूरी तरह से वॉटरप्रूफ करने के लिए अहमदाबद में बॉम्बे मसाला फेब्रिकेशन का उपयोग किया जाता है जिससे पानी रिसने की समस्या नहीं होती।
इंटीरियर और इलेक्ट्रिकल सेटअप
अब बारी आती है इंटीरियर को तैयार करने की। सबसे पहले पीवीसी वायरिंग की जाती है जिससे पूरे कंटेनर में बिजली की उचित व्यवस्था हो सके। दीवारों पर ग्लास वॉल लगाई जाती है जिससे कंटेनर के अंदर गर्मी कम प्रवेश कर पाती है और अंदर का वातावरण ठंडा बना रहता है। इसके बाद, MDF शीट्स को स्क्रू की मदद से मजबूती से फिट किया जाता है।
फिनिशिंग और पेंटिंग
इंटीरियर सेटअप पूरा होने के बाद कंटेनर की फिनिशिंग की जाती है। सबसे पहले, इसे अच्छे से घिसा जाता है। फिर कार्पेज और लंबी पुट्टी का इस्तेमाल करके इसकी पॉलिशिंग की जाती है। इसके बाद, प्राइमर लगाया जाता है और अंत में डबल कोटिंग पेंट किया जाता है जिससे कंटेनर आकर्षक दिखता है। पेंट सूखने के लिए इसे एक दिन तक रखा जाता है।

अंदरूनी सुविधाएं - इस कंटेनर आफिस में तीन केबिन बनाए जाते हैं
- पहला केबिन मैनेजर के लिए।
- दूसरा केबिन स्टाफ के लिए।
- तीसरा केबिन अन्य कार्यों के लिए।
इसमें कुर्सियां, अलमारियां, एसी, लाइटिंग और फुली फर्निश्ड टेबल्स होती हैं। फर्श पर मार्बल शीट्स लगाई जाती हैं और दीवारों पर सीमेंट शीट्स के ऊपर पुट्टी और पेंट किया जाता है, जिससे यह पूरी तरह से आधुनिक दिखे।

निष्कर्ष
कंटेनर ऑफिस एक किफायती, टिकाऊ और पोर्टेबल समाधान है, जिसे कहीं भी आसानी से स्थापित किया जा सकता है। "सहारा कंटेनर" ने अपने खुद के ऑफिस को भी इसी तकनीक से बनाया है, जो आधुनिकता और मजबूती का बेहतरीन उदाहरण है। और इनका आफिस अहमदाबाद, बॉम्बे और कर्नाटक में भी उपलब्ध है।
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