सोलर से चलने वाला आविष्कार

28 Jan 2025 | Amazing Talent
सोलर से चलने वाला आविष्कार

दिलीप जी ने एक ऐसा अनोखा आविष्कार किया है जो पर्यावरण के अनुकूल है और आर्थिक रूप से भी फायदेमंद है। उन्होंने एक ऐसा स्टोव बनाया है जो ऑटोमोबाइल के वेस्ट ऑयल से चलता है। यह स्टोव एक एलपीजी सिलेंडर की तुलना में ज्यादा गर्मी पैदा करता है और इसे चलाने के लिए लगभग 6-7 लीटर वेस्ट ऑयल की जरूरत होती है।

इस स्टोव में एक टैंक लगा हुआ है  जिसमें ऑटोमोबाइल का वेस्ट ऑयल भरा जाता है। इस टैंक में लगभग 750 मिलीलीटर की क्षमता है। टैंक के नीचे से एक नल द्वारा तेल पाइपलाइन के माध्यम से बर्नर तक पहुंचता है। इसमें गैस के रेगुलेटर जैसा एक रेगुलेटर भी लगा हुआ है जिससे तेल का प्रवाह नियंत्रित किया जा सकता है।

सोलर से चलने वाला आविष्कार_6280


स्टोव को चालू करने के लिए एक कपड़े को जलाकर आग लगाई जाती है और यह तुरंत चालू हो जाता है। बंद करने के लिए केवल तेल की सप्लाई रोकनी होती है।

सोलर सिस्टम का लाभ

दिलीप जी ने सोलर पैनल का भी इस्तेमाल किया है। इसमें 320 वॉट, 200 वॉट और 500 वॉट के सोलर पैनल लगे हैं, जो 12 वोल्ट और 100 एम्पियर की बैटरी को चार्ज करते हैं। यह बैटरी पूरे दिन चार्ज होती रहती है और रात भर (शाम 6 बजे से सुबह 6 बजे तक) रोशनी और अन्य उपकरणों को ऊर्जा प्रदान करती है। सिस्टम में 70-75 लाइट्स लगी हैं जो रातभर जलती रहती हैं। इसके अलावा इसमें एक फोटो सेंस स्विच भी लगाया गया है। यह स्विच सूरज की रोशनी के अनुसार काम करता है। दिन में जब सूरज की रोशनी रहती है तो लाइट्स बंद रहती हैं। लेकिन जैसे ही सूरज ढलता है ये लाइट्स अपने आप जलने लगती हैं।

सोलर से चलने वाला आविष्कार_6280


सोलर से चलने वाले यंत्र 

इस सिस्टम से केवल लाइट्स ही नहीं, बल्कि सीलिंग फैन भी चलता है। इसमें चार्जिंग के लिए स्विच दिया गया है, जिसे चालू या बंद किया जा सकता है। बैटरी जल्दी चार्ज होने का समय वोल्टेज पर निर्भर करता है।

ड्राइविंग स्कूल के लिए विशेष उपकरण 

इस आविष्कार को ड्राइविंग स्कूल में भी उपयोग किया गया है। यहां गाड़ियों से जुड़ी सभी जानकारी दी जाती है जैसे कि क्लच एक्सेलेरेटर और गियर बॉक्स। इसमें एक डिस्प्ले लगा हुआ है जो स्विच के माध्यम से आसानी से खुलता और बंद होता है। डैशबोर्ड पर लाइट्स लगाई गई हैं जिसमें हेडलाइट (डिम और फुल) पार्किंग लाइट्स और रिवर्स लाइट्स शामिल हैं।

दिलीप जी का यह आविष्कार तकनीक और पर्यावरण के लिए एक मिसाल है। यह न केवल ऊर्जा की बचत करता है बल्कि वेस्ट ऑयल जैसे बेकार पदार्थों का सही उपयोग भी करता है।



Share

Comment

Loading comments...

Also Read

देसी ताकत का खजाना: सत्तू
देसी ताकत का खजाना: सत्तू

गर्मी का मौसम हो या सर्दी की सुबह,

01/01/1970

Related Posts

Short Details About