निराई गुड़ाई मशीन

20 Dec 2020 | NA
निराई गुड़ाई मशीन

साथ ही यह भी बताएँगे की आपको इस मशीन को उपयोग करते हुए कौन-सी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है और यह मशीन अपने मूल्य के साथ किसान के लिए उपयोग करने हेतु सक्षम हो सकती है या फिर नहीं। इस मशीन से बहुत आसानी से निराई हो सकती है। आप इस मशीन को छोटा रोटरी वीडर भी कह सकते है। 

इसका पहला फायदा यह है कि आपको निराई करने के लिए  मजदूर की जरूरत नहीं पड़ेगी क्योंकि कई बार आपको मजदूर नहीं मिल पाते है काम कराने के लिए इस वजह से आप इस मशीन की मदद से अकेले ही आपनी फसल की निराई कर सकते है।

दुसरा फायदा यह है कि इस मशीन की वजह से मजदूर का खर्च कम हो जाएगा,  बहुत कम खर्च में सर्फ पेट्रोल की कीमत में आप आपनी फसल की निराई कर सकते है। अब हम इस मशीन के लिए आपके भ्रम दूर करते हैं। कुछ लोग समझते है कि यह मशीन भारत में निर्मित है, मगर ऐसा कुछ नहीं है यह मशीन भारत में नहीं बल्कि चीन में निर्मित है। जिन लोगों को पता है कि यह चीन में निर्मित है उनको लगता है कि ये मशीन बहुत जल्द खराब हो जाएगी। लेकिन ऐसा नहीं है ये मशीन जल्दी खराब नहीं होती है।

इसके बाद अब जान लेते हैं कि इसमें क्या खामियाँ है। 

•यह मशीन सख्त मिट्टी में निराई नहीं कर सकती है। इस मशीन का उपयोग केवल नर्म मिट्टी में ही हो सकता है और यह मशीन उसमें अच्छे से निराई करती है।

•दुसरा यह है कि ये मशीन बड़ी घास में निराई नहीं कर पाती है क्योंकि बड़ी घास मशीन के ब्लेड  में फस जाती है।

इस मशीन का इंजन २ स्ट्रोक  ५२ सी.सी का होता है और इससे आपको अपनी कमर पर डालना पड़ता है। इसमें ५२ सी.सी का इंजन होने के कारण आपको इस मशीन की ताकत में कोई कमी नजर नहीं आएगी और ये मशीन अच्छे से निराई करती रहेगी।

इस मशीन की लंबाई तीन फुट होती है और ब्लेड की चौड़ाई 14 इंच का होती है। यह मशीन ईंधन के विकल्प के रूप में पेट्रोल की खपत करती है।  इस मशीन के साथ आपको एक घास काटने का ब्लेड और गेहूँ काटने की मशीन भी मिलती है।


Share

Comment

Loading comments...

Also Read

रंगीन शिमला मिर्च की खेती से किसानों को मुनाफा
रंगीन शिमला मिर्च की खेती से किसानों को मुनाफा

भारत में खेती को लेकर अब सोच बदल र

01/01/1970
पपीते की खेती – किसानों के लिए फायदे का सौदा
पपीते की खेती – किसानों के लिए फायदे का सौदा

खेती किसानी में अक्सर किसान भाई यह

01/01/1970
एक्सपोर्ट के लिए फसलें: कौन-कौन सी भारतीय फसल विदेशों में सबसे ज्यादा बिकती हैं
एक्सपोर्ट के लिए फसलें: कौन-कौन सी भारतीय फसल विदेशों में सबसे ज्यादा बिकती हैं

भारत सिर्फ़ अपने विशाल कृषि उत्पादन के लिए ही नहीं, बल्कि दुनिया क

01/01/1970
एलोवेरा और तुलसी की इंटरक्रॉपिंग – कम लागत, ज़्यादा लाभ
एलोवेरा और तुलसी की इंटरक्रॉपिंग – कम लागत, ज़्यादा लाभ

आज के समय में खेती सिर्फ परंपरागत फसलों तक सीमित नहीं रही है। बदलत

01/01/1970

Related Posts

Short Details About