कृषि की धरती: भारत और चीन की ज़मीनों पर एक नजर


भारत और चीन, ये दोनों देश दुनिया के सबसे बड़े और सबसे पुराने देशों में गिने जाते हैं। आबादी के मामले में दोनों ही बहुत बड़े हैं, और लाखों-करोड़ों लोग आज भी अपनी रोज़ी-रोटी के लिए खेती पर ही निर्भर हैं। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि इन दोनों में किस देश के पास खेती के लिए ज़्यादा ज़मीन है? कौन ज़्यादा खेती करता है? और कौन ज़्यादा उत्पादन करता है?
आज हम इसी सवाल का जवाब आसान और साफ़ शब्दों में जानेंगे।

भारत की खेती और उसकी ज़मीन
- भारत को हम "कृषि प्रधान देश" कहते हैं, और यह बात बिल्कुल सही है। यहाँ की बड़ी आबादी खेती पर निर्भर है। देश के अलग-अलग हिस्सों में अलग-अलग फसलें उगाई जाती हैं। कहीं धान तो कहीं गेहूं, कहीं कपास तो कहीं गन्ना।
- भारत का कुल क्षेत्रफल: करीब 328 मिलियन हेक्टेयर
- जिसमें से खेती के लायक ज़मीन: करीब 156 मिलियन हेक्टेयर
- देश की 58% से ज़्यादा आबादी खेती पर निर्भर है
- भारत में मौसम और मिट्टी दोनों खेती के लिए बहुत अच्छे हैं। यहाँ 2-3 बार फसलें उगाई जा सकती हैं। नदियाँ, मानसून और सिंचाई की व्यवस्था ने खेती को और भी मज़बूत बनाया है।
चीन की खेती और उसकी ज़मीन
- चीन भी एक बड़ा देश है और वहाँ की सरकार खेती को बहुत महत्व देती है। लेकिन चीन का ज़्यादातर हिस्सा या तो पहाड़ी है या फिर रेगिस्तान की तरह सूखा। इसलिए उनके पास खेती के लिए ज़मीन भारत से कम है।
- चीन का कुल क्षेत्रफल: करीब 960 मिलियन हेक्टेयर (भारत से तीन गुना)
- लेकिन खेती के लायक ज़मीन: करीब 119 मिलियन हेक्टेयर
- खेती पर निर्भर आबादी: करीब 25-30%
- चीन में ज़मीन कम है, लेकिन उन्होंने नई तकनीक और वैज्ञानिक तरीकों से खेती को बहुत आगे बढ़ाया है। ड्रोन, सटीक मशीनें, कंप्यूटर और मोबाइल से जुड़ी खेती ने उनकी उत्पादकता (per hectare output) को काफी बढ़ा दिया है।

एक सीधी तुलना: भारत बनाम चीन
विषय भारत चीन
कुल देश का आकार 328 मिलियन हेक्टेयर 960 मिलियन हेक्टेयर
खेती लायक ज़मीन 156 मिलियन हेक्टेयर 119 मिलियन हेक्टेयर
खेती पर निर्भर जनसंख्या 58% से ज्यादा 30% के आसपास
उत्पादकता (प्रति हेक्टेयर) कम ज़्यादा
तकनीक का उपयोग धीरे-धीरे बढ़ रहा बहुत तेज़ और उन्नत
भारत की ताकत क्या है?
1. उपजाऊ ज़मीन – यहाँ की मिट्टी फसलों के लिए अनुकूल है
2. विविध मौसम – हर राज्य में अलग-अलग फसलें हो सकती हैं
3. सस्ता श्रम – किसानों की मेहनत देश की रीढ़ है
4. कृषि परंपरा – गाँवों की ज़िंदगी खेती से ही जुड़ी है
चीन कैसे आगे निकला?
1. नई तकनीकें – मशीनों, मोबाइल ऐप, सेंसर, ड्रोन आदि का ज़बरदस्त उपयोग
2. सरकारी मदद – हर स्तर पर सरकार किसानों के साथ
3. बड़ी-बड़ी फार्मिंग यूनिट्स – छोटे खेतों को जोड़कर सामूहिक खेती
4. शिक्षित किसान – जो नई चीज़ें जल्दी सीख लेते हैं

भारत की चुनौतियाँ
छोटे खेतों का बँटवारा – ज़्यादातर किसान बहुत कम ज़मीन पर खेती करते हैं
पुराने तरीके – अभी भी हल, बैल या कमज़ोर ट्रैक्टर पर निर्भरता
कम तकनीक – गाँवों में आज भी बहुत कम किसान आधुनिक मशीनें इस्तेमाल करते हैं
बाज़ार की समस्या – सही दाम नहीं मिल पाता, लागत ज़्यादा होती है
आगे क्या किया जा सकता है?
भारत के पास जो सबसे बड़ी ताकत है – वह है जमीन और मेहनती किसान। अगर भारत:
किसानों को नई तकनीक सिखाए
सिंचाई और बिजली की सुविधा बेहतर करे
बाजार तक सीधी पहुँच बनाए
और किसानों को एकजुट करके सामूहिक खेती की ओर बढ़ाए
तो भारत न सिर्फ एशिया में, बल्कि पूरी दुनिया में कृषि के मामले में नंबर 1 बन सकता है।
निष्कर्ष: कौन है आगे?
अगर बात कृषि भूमि की हो, तो भारत चीन से आगे है। भारत के पास ज़्यादा ज़मीन है, ज़्यादा किसान हैं और मौसम भी अनुकूल है। लेकिन अगर बात उत्पादन और तकनीकी खेती की हो, तो चीन इस समय आगे है।
भारत को अपनी ताकत (ज़मीन और लोग) और तकनीक (नवीन मशीनें और स्मार्ट खेती) को एक साथ लाकर आगे बढ़ना होगा। तभी वह खेती के क्षेत्र में पूरी दुनिया में सबसे ऊपर आ सकता है।
खेती सिर्फ ज़मीन से फसल लेने का काम नहीं है, यह दिल से जुड़ा काम है। भारत के किसानों में मेहनत है, लगन है और सीखने की इच्छा भी है। अब सरकार, तकनीकी विशेषज्ञ और युवा मिलकर एक नई क्रांति की शुरुआत कर सकते हैं। क्योंकि अगर किसान मजबूत होगा, तो देश भी मज़बूत होगा। ऐसी अमेजिंग जानकारी के लिए जुड़े रहे Hello Kisaan के साथ और आपको ये जानकारी कैसे लगी कमेंट करके जरूर बताइये ।।जय हिन्द जय भारत ।।
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