जंगलों में छिपा एक जैविक हीरा


क्या आपने कभी सोचा है कि जो सुंदर लाल रंग की लाख की चूड़ियां आप पहनते हैं, वो असल में पेड़ों पर उगती हैं? लाख सिर्फ एक सजावटी पदार्थ नहीं, बल्कि किसानों और ग्रामीणों के लिए आय का एक बेहतरीन स्रोत है। "लाख की खेती" (Lac Cultivation) भारत के कई हिस्सों में की जाती है और ये जैविक, पर्यावरण-अनुकूल तथा मुनाफे वाला व्यवसाय बनता जा रहा है।
इस लेख में हम जानेंगे लाख की खेती क्या है, ये कैसे की जाती है, कौन-से पेड़ इसमें उपयोगी होते हैं, इसकी प्रोसेसिंग, चूड़ी उद्योग से इसका रिश्ता और भविष्य में इसके संभावित बाजार की स्थिति।

लाख क्या है?
लाख एक प्रकार का रेजिन (resin) है जो एक कीड़े Kerria lacca द्वारा पेड़ों की टहनियों पर जमा किया जाता है। ये कीड़ा लाख निकालने के लिए विशिष्ट पेड़ों की छाल पर बसता है और धीरे-धीरे रेजिन छोड़ता है जो बाद में कठोर होकर लाख में बदलता है। इसका इस्तेमाल मुख्य रूप से वार्निश, पॉलिश, और कुछ खाद्य पदार्थों पर कोटिंग के रूप में किया जाता है। लेकिन ध्यान रखें, लाख का उपयोग टॉफी या मिठाई बनाने में नहीं किया जाता। यह खाने की चीज़ नहीं होती, बल्कि एक सुरक्षा परत के रूप में इस्तेमाल की जाती है।
लाख की खेती कैसे होती है?
1. सही पेड़ का चुनाव: लाख उत्पादन के लिए जिन पेड़ों का चयन किया जाता है, उनमें प्रमुख हैं –
कुसुम (Schleichera oleosa),पलाश (Butea monosperma),बर (Ziziphus mauritiana) इन पेड़ों की टहनियों पर लाख कीट को बैठाया जाता है।
2. लाख कीट की नस्ल डालना (Inoculation): पूर्व तैयार की गई ‘छड़ी लाख’ (जो पहले से कीट से संक्रमित होती है) को चुने गए पेड़ों पर बांधा जाता है। कीट वहां बसते हैं और लाख का उत्पादन शुरू करते हैं।
3. समय: लाख उत्पादन के दो मुख्य सीजन होते हैं – कुस्मी लाख: जून – जुलाई में बोई जाती है और फरवरी – मार्च में काटी जाती है। रंगीनी लाख: अक्टूबर – नवंबर में बोई जाती है और जून – जुलाई में काटी जाती है।
लाख की कटाई और प्रोसेसिंग
जब लाख पूरी तरह पेड़ पर जम जाती है, तो उसे सावधानीपूर्वक काटकर इकट्ठा किया जाता है। फिर इसे गर्म पानी में डालकर छाना जाता है और रेजिन को अलग किया जाता है। लाख को पिघलाकर मोल्ड में डालकर ठंडा किया जाता है। यह ठोस रूप रंगीन चूड़ियां, खिलौने, फर्नीचर पॉलिश, कॉस्मेटिक्स और आयुर्वेदिक दवाओं में काम आता है।
लाख का उपयोग कहाँ होता है?
1. फर्नीचर की पॉलिश और वार्निश में: लाख का सबसे ज़्यादा इस्तेमाल लकड़ी पर चमक लाने और उसे सुरक्षित करने के लिए किया जाता है।
2. खाद्य उत्पादों पर कोटिंग में: कुछ मिठाइयों, चॉकलेट्स, गोलियों और फल-सब्जियों पर चमक लाने या उन्हें नमी से बचाने के लिए लाख की एक बेहद पतली परत का उपयोग किया जाता है।
3. इलेक्ट्रॉनिक और औद्योगिक उपयोग: लाख का इस्तेमाल कुछ जगहों पर इंसुलेशन और मोल्डिंग में भी होता है।
4. गहनों और चूड़ियों में: खासकर लाख की चूड़ियाँ बहुत प्रसिद्ध हैं, जो पारंपरिक और रंगीन होती हैं।
लाख की खेती से कमाई कितनी हो सकती है?
1 हेक्टेयर क्षेत्र में लगभग 150–200 पेड़ों पर लाख की खेती कर, किसान हर 6 महीने में ₹40,000 से ₹60,000 तक की कमाई कर सकता है। अच्छी देखभाल और मार्केटिंग से यह आय ₹1 लाख तक भी जा सकती है। खास बात ये है कि इसमें कम लागत और ज्यादा मुनाफा होता है।

भारत में लाख का उत्पादन और निर्यात
भारत विश्व का सबसे बड़ा लाख उत्पादक देश है। झारखंड – देश का लगभग 60% उत्पादन करता है बिहार, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ – प्रमुख उत्पादक राज्य भारत से लाख का निर्यात बांग्लादेश, अमेरिका, यूरोप, जापान जैसे देशों में होता है।
लाख की खेती से जुड़े फायदे
पर्यावरणीय लाभ: पेड़ों को काटने की ज़रूरत नहीं, बल्कि ये जंगल संरक्षण में सहायक है। कम लागत: न सिंचाई की जरूरत, न ज्यादा खाद की। ग्रामीण रोज़गार: लाख की प्रोसेसिंग से लेकर चूड़ियों तक, महिलाओं के लिए रोजगार के अवसर। ऑर्गेनिक उत्पाद: कोई केमिकल नहीं, प्राकृतिक और शुद्ध।
भविष्य में लाख की खेती का महत्व
जैसे-जैसे प्लास्टिक पर बैन बढ़ेगा और ऑर्गेनिक चीजों की मांग बढ़ेगी, लाख का बाजार भी तेजी से बढ़ेगा। लाख की चूड़ियां, फर्नीचर पॉलिश, नेल पेंट, औषधियां और सजावटी वस्तुएं – सभी में इसकी जरूरत बनी रहेगी। सरकार भी लाख उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए प्रशिक्षण और सब्सिडी योजनाएं चला रही है।
लाख की खेती कैसे शुरू करें?
1. स्थानीय कृषि विज्ञान केंद्र (KVK) या वन विभाग से संपर्क करें 2. छड़ी लाख की गुणवत्तापूर्ण नस्ल प्राप्त करें 3. ट्रेनिंग लें – कई संस्थाएं लाख की वैज्ञानिक खेती सिखाती हैं 4.एफपीओ या समूह से जुड़ें ताकि उत्पाद की बिक्री आसान हो
निष्कर्ष
लाख की खेती एक ऐसी अनदेखी संभावना है, जिसे अब पहचानने की जरूरत है। ये न सिर्फ किसानों की आमदनी बढ़ा सकती है, बल्कि पारंपरिक हस्तशिल्प, महिला सशक्तिकरण और पर्यावरण सुरक्षा – तीनों को साथ लेकर चलती है। तो क्यों न इस बार खेत के साथ जंगल में भी आज़माया जाए कुछ नया? लाख की खेती से बदलेगा जीवन और आएगी चूड़ी जैसी चमक हमारे भविष्य में भी। ऐसी जानकारी के लिए जुड़े रहे Hello Kisaan के साथ और आपको ये जानकारी कैसी लगी कमेंट करके जरूर बताइये ।। जय हिन्द जय भारत ।।
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