किसानों को धनवान बना रही एप्पल बेर की खेती


एप्पल बेर जिसे जामफल भी कहा जाता है। एक ऐसा फलदार वृक्ष है, जो अपने स्वाद और स्वास्थ्य लाभों के कारण पसंद किया जाता है। इसका वैज्ञानिक नाम ज़िज़ीफस माउंते है और यह जिज़ीफस परिवार का हिस्सा है। एप्पल बेर को आमतौर पर उष्णकटिबंधीय और उप-उष्णकटिबंधीय जलवायु में उगाया जाता है। इसकी खेती करने से किसानों को अन्य फसलों की अपेक्षा अधिक आर्थिक लाभ होता है और इसे देखभाल की आवश्यकता भी कम होती है। यह सूखे और कम उर्वरक वाले स्थानों में भी अच्छी तरह उग सकता है। आये इससे संबंधित संपूर्ण जानकारी लेते हैं राजस्थान के शंकर लाल मीणा जी से, जो अपने खेत में करीब डेढ़ हजार एप्पल बेर के पौधे लगाकर सफल रूप से फल प्राप्त कर रहे हैं।
एप्पल बेर की खेती से लाभ:
एप्पल बेर में विटामिन C, एंटीऑक्सीडेंट्स, और अन्य पोषक तत्व होते हैं। यह रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में मदद करता है। एप्पल बेर की उच्च मांग के कारण किसानों को अच्छा लाभ मिलता है। इसे ताजा फल के रूप में, जैम, जूस, और अन्य उत्पादों में उपयोग भी किया जाता है। इसकी सबसे खास बात की एप्पल बेर विभिन्न प्रकार की जलवायु में उगाया जा सकता है, जिससे यह किसानों के लिए एक उपयुक्त विकल्प है। इसे सुख से ग्रस्त जैसे क्षेत्रों में भी आसानी से लगाया जा सकता है, क्योंकि इसे सिंचाई की अधिक आवश्यकता नहीं होती।

जलवायु और मिट्टी की आवश्यकताएँ:
एप्पल बेर को उष्णकटिबंधीय और उप-उष्णकटिबंधीय जलवायु पसंद है। इसकी उचित वृद्धि के लिए 15°C से 40°C के बीच का तापमान उपयुक्त है तथा रेतीली और बलुई मिट्टी में अच्छी तरह उगता है। मिट्टी का पीएच 6.0 से 8.0 के बीच होना चाहिए।
उगाने की विधि:
एप्पल बेर का पौधा ग्रीष्म ऋतु में लगाना सबसे अच्छा होता है। पहले, बीजों को एक दिन पानी में भिगोकर रखें। 30-40 सेमी गहरे गड्ढे बनाएं। गड्ढे में 5-10 किलो गोबर की खाद और थोड़ी मात्रा में अन्य रासायनिक खाद मिलाएं, जो एप्पल बेर के पौधे को विकसित होने में अत्यंत लाभदायक होता है। पौधे को गड्ढे में लगाकर मिट्टी से अच्छी तरह ढक दें और थोड़ी मात्रा में पानी दें।

वृक्षों की संख्या:
एक बीघे में लगभग 80 से 100 वृक्ष लगा सकते हैं। यह स्थान वृक्षों के बीच की दूरी और मिट्टी की गुणवत्ता पर भी निर्भर करता है। इसलिए किसान भाइयों को खेत की मिट्टी की जांच कर आवश्यक पोषक तत्वों की पूर्ति खाद के रूप में कर देनी चाहिए।
फल उत्पादन का समय और मात्रा:
एप्पल बेर के पौधे वैसे तो पहले साल ही फल देने लगते हैं परंतु अच्छी मात्रा में फसल प्राप्त करने के लिए दूसरे साल से फल तोड़ने चाहिए। उचित देखभाल और पोषण देने पर, पौधे अच्छी तरह फल देने लगते हैं। पहली फसल से भी प्रति पेड़ पर 30 से 40 किलोग्राम फल उत्पादित हुए। अगली फसल में स्वाभाविक रूप से फल उत्पादन की मात्रा बढ़ती है, जिससे इन्होंने 70 से 80 किलोग्राम तक एप्पल बेर का उत्पादन किया। लेकिन यह विभिन्न कारकों जैसे पौधे की उम्र, देखभाल और जलवायु पर भी निर्भर करता है।

30 साल तक होता है उत्पादन:
एप्पल बेर का पौधा एक बार लगाने के उपरांत करीब 30 से 40 सालों तक लगातार फल उत्पादित करता रहता है। इस प्रक्रिया में जून-जुलाई के महीने में फसल प्राप्त करने के बाद पेड़ों को नीचे से काट कर छांट दिया जाता है, जिससे यह अगले वर्ष में पुनः वृद्धि करता है और अच्छी मात्रा में फल भी देता हैं।
एप्पल बेर की उन्नत किस्में:
एप्पल बेर की उन्नत किस्म भी बाजार में मौजूद है, जो स्वाद और उत्पादन में अधिक है। इनमें प्रमुख रूप से लोटस, सेल्क, हैश और सबसे प्रमुख कश्मीरी एप्पल बेर है, जो स्वाद में मीठे और आकार में बड़े होते है। तथा यह किस्में पक भी जल्दी जाती है।
पौधारोपण में खर्च:
वैसे तो एप्पल बेर की खेती में सरकार भी सब्सिडी के रूप में प्रोत्साहन प्रदान कर रही है, जो प्रति पेड़ 35 से ₹40 प्रदान करती है; परंतु फिर भी कम से कम लागत की बात करें तो एक पेड़ के गड्ढा खोदने, उसमें खाद लगाने और पौधे तथा श्रमिक की लागत आदि मिलायें तो प्रति पौधे में ₹200 तक का खर्च आ जाता है।

देखभाल और प्रबंधन:
यूं तो एप्पल बेर की फसल में पानी की ज्यादा आवश्यकता नहीं होती; परंतु फिर भी गर्मी के दौरान नियमित रूप से पौधों को पानी देना चाहिए एवं जलभराव से बचना चाहिए। हर वर्ष गोबर की खाद और रासायनिक खाद का प्रयोग कर प्रयोग कर पौधों की नीलाई करनी चाहिए।कीटों और बीमारियों से बचाने के लिए नियमित रूप से जांच करें और आवश्यकतानुसार कीटनाशकों का उपयोग करें।
मार्केटिंग और बिक्री:
किसान अपने उत्पादों को स्थानीय बाजारों, सुपरमार्केटों और ऑनलाइन प्लेटफार्मों पर बेच सकते हैं। सही मार्केटिंग रणनीति अपनाने से किसानों को अधिक लाभ मिलेगा। एप्पल बेर का बाजार बहुत बड़ा है भारत में किसी भी स्थान की मंडियों में इसे बेचकर उचित लाभ कमा सकते हैं। एप्पल बेर की खेती किसानों के लिए एक लाभदायक विकल्प है, जो कम लागत में अधिक लाभ देने की क्षमता रखती है। इसकी सरल देखभाल, उच्च बाजार मूल्य और स्वास्थ्य लाभ इसे किसानों के लिए एक आदर्श फसल बनाते हैं। यदि किसान उचित तकनीक और प्रबंधन का पालन करें, तो वे एप्पल बेर की खेती से अच्छे आर्थिक परिणाम प्राप्त कर सकते हैं। दोस्तों कैसी लगी आपको यह जानकारी कमेंट कर अवश्य बताएं तथा ऐसे ही ज्ञानवर्धक जानकारी के लिए जुड़े रहे "Hello Kisaan" के साथ। धन्यवाद॥ जय हिंद, जय किसान॥
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