फ्लोर टाइप हाइड्रोलिक ट्रॉली

26 Jun 2025 | NA
फ्लोर टाइप हाइड्रोलिक ट्रॉली

खेती-किसानी में जैसे-जैसे समय बदल रहा है, वैसे-वैसे तकनीकें भी बदल रही हैं। पहले जो काम हाथ से घंटों में होता था, आज वही काम कुछ मिनटों में आधुनिक मशीनों से निपटाया जा सकता है। ऐसी ही एक बेहतरीन तकनीक ने हाल ही में किसानों का ध्यान अपनी ओर खींचा है – फ्लोर टाइप हाइड्रोलिक ट्रॉली। यह ट्रॉली दिखने में सामान्य ट्रॉली जैसी ही होती है, लेकिन इसका काम करने का तरीका बेहद अनोखा और सुविधाजनक है।

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क्या है फ्लोर टाइप हाइड्रोलिक ट्रॉली?

फ्लोर टाइप हाइड्रोलिक ट्रॉली एक ऐसी ट्रॉली होती है, जिसमें हाइड्रोलिक सिस्टम ट्रॉली के बीच में लगा होता है, और इसका मैकेनिज्म कुछ हद तक ‘कैंची (फर्श वाली)’ ट्रॉली की तरह होता है। इसमें जब हाइड्रोलिक एक्टिवेट किया जाता है, तो ट्रॉली का फ्लोर धीरे-धीरे ऊपर उठता है। यह उठान पूरी बॉडी को झुका कर नहीं होता, बल्कि ट्रॉली के फर्श को एक स्टेबल उचाइये तक जैसे-जैसे फ्लोर उठता है, ट्रॉली में भरा हुआ माल (गेहूं, धान, आलू, खाद, गोबर आदि) धीरे-धीरे ऊपर उठता है।

इस प्रक्रिया में मजदूरों को काम मेहनत लगती है और काम भी जल्दी हो जाता है। 

इस ट्रॉली की कार्यप्रणाली कैसी होती है?

1. ट्रॉली के बीचों-बीच लगा हाइड्रोलिक सिस्टम ट्रैक्टर के पावर से चलता है।

2. इससे ट्रॉली का फ्लोर धीरे-धीरे बिच में से ऊपर उठता है।

3. जितना बिच की कैंची खुलेगी, उतना ही ट्रॉली का सामान ऊपर उठेगा।

4. अंत में जब ट्रॉली खाली हो जाती है, तो फ्लोर वापस अपनी जगह पर आ जाता है।

क्या हैं इसके मुख्य फायदे?

1. समय की बचत:

जहां एक सामान्य ट्रॉली को खाली करने में 30-45 मिनट लग जाते हैं, वहीं फ्लोर टाइप हाइड्रोलिक ट्रॉली 5-10 मिनट में ही पूरा काम निपटा देती है।

2. मजदूरी में कटौती:

मजदूरों को ज्यादा दूर से सामान फेंकने या निकालने की जरूरत नहीं पड़ती। इससे खेतों या मंडी में मजदूरी का खर्च कम हो जाता है।

3. मेहनत में राहत:

इस ट्रॉले को डायरेक्ट एक मंजिल या 10 फ़ीट तक ऊंचा किया जा सकता है, जिससे घर के ऊपर भी सामान खाली कर सकते है 

4. हर फसल के लिए उपयुक्त:

चाहे अनाज हो, आलू-प्याज जैसे सब्जी उत्पाद हों या गोबर, मिट्टी, खाद – हर तरह की ढुलाई में ये ट्रॉली कारगर है।

किन किसानों को लेनी चाहिए ये ट्रॉली?

जो किसान बड़ी मात्रा में अनाज या सब्जी मंडी या खेत से ढोते हैं। और उन्हें सामान एक मंजिल ऊपर चढ़ाना पड़ता है।  जो मिट्टी, खाद, गोबर और ईंटों की ढुलाई ज्यादा करते हैं।

लागत और उपलब्धता

  • फ्लोर टाइप हाइड्रोलिक ट्रॉली की कीमत सामान्य हाइड्रोलिक ट्रॉली से थोड़ी अधिक होती है, लेकिन इसका फायदा और सुविधा उसे पूरी तरह न्यायसंगत बनाते हैं।
  • इसकी कीमत लगभग ₹।.2 लाख से ₹1.8 लाख तक हो सकती है, जो इसके आकार, हाइड्रोलिक सिस्टम की गुणवत्ता और कंपनी पर निर्भर करता है।
  • कई स्थानीय ट्रॉली निर्माता अब इसे गांवों और कस्बों में भी बना रहे हैं, जिससे किसान बिना बड़े ब्रांड में गए, अपने हिसाब से ट्रॉली बनवा सकते हैं।

क्यों अपनाएं यह तकनीक?

आज के युग में खेती सिर्फ मेहनत नहीं, बल्कि समझदारी का काम बन चुका है। जो किसान समय, खर्च और मेहनत की बचत करते हैं, वही ज़्यादा उत्पादन और मुनाफा कमा पा रहे हैं। फ्लोर टाइप हाइड्रोलिक ट्रॉली ऐसी ही एक आधुनिक सोच का हिस्सा है। यह न सिर्फ आपको आराम देती है, बल्कि खेत के काम को तेज़, सुरक्षित और कुशल भी बनाती है।

निष्कर्ष

फ्लोर टाइप हाइड्रोलिक ट्रॉली एक बुद्धिमानी भरा निवेश है जो किसानों की रोज़मर्रा की समस्याओं का हल आसान भाषा में देता है। यह ट्रॉली जहां मजदूरों की मेहनत कम करती है, वहीं ट्रैक्टर की शक्ति का बेहतर उपयोग कर, फसलों को जल्दी और सुरक्षित उतारने में मदद करती है। अगर आप भी अपने काम को आसान बनाना चाहते हैं, तो इस ट्रॉली को अपनाइए क्योंकि आज के किसान को चाहिए सिर्फ एक चीज "कम मेहनत, ज़्यादा फायदा और स्मार्ट खेती की राह" ऐसी अमेजिंग जानकारी के लिए जुड़े रहे Hello Kisaan के साथ ।।जय हिंदी जय किसान।। 

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