विदेशी फल, देशी कमाई


जब बात होती है "आने वाले समय की फसल" की, तो उसमें ड्रैगन फ्रूट (Dragon Fruit) का नाम तेजी से उभर रहा है। एक ऐसा फल जो दिखने में जितना आकर्षक है, कमाई में भी उतना ही जबरदस्त है। लाल, सफेद या पीले गूदे वाला यह फल अब भारत के किसान भाइयों के लिए नई उम्मीद बन चुका है। कम पानी, कम देखभाल, ज्यादा उत्पादन और जबरदस्त बाजार – इन खूबियों ने इसे "भविष्य की फसल" बना दिया है। क्युकी एक बार लगाओ, 20 साल तक फल पाओ ड्रैगन फ्रूट का पौधा अगर ठीक से संभाला जाए, तो ये 15 से 20 साल तक फल दे सकता है। यानी एक बार निवेश और सालों तक कमाई।
तो आइए जानें, ड्रैगन फ्रूट की खेती से लाखों की कमाई कैसे की जा सकती है और इसमें किन-किन बातों का ध्यान रखना जरूरी है।

इसके तीन प्रमुख प्रकार हैं:
1. हाइलोसेरेस अंडाटस (Hylocereus Undatus) – सफेद गूदा, गुलाबी छिलका 2. हाइलोसेरेस कोस्टारिसेंसिस (H. Costaricensis) – लाल गूदा, गुलाबी छिलका 3. हाइलोसेरेस मेघलांथस (H. Megalanthus) – सफेद गूदा, पीला छिलका
भारत में कहां होती है इसकी खेती?
भारत के कई राज्य जैसे – महाराष्ट्र, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, गुजरात, तेलंगाना, पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़, ओडिशा और राजस्थान – में ड्रैगन फ्रूट की खेती तेजी से बढ़ रही है। इसके लिए गर्म और शुष्क जलवायु आदर्श मानी जाती है। महाराष्ट्र और कर्नाटक के किसान पहले से ही इसकी खेती कर रहे हैं और हर एकड़ से ₹5 से ₹8 लाख तक की कमाई कर रहे हैं।

ड्रैगन फ्रूट की खेती कैसे करें?
1. मिट्टी और जलवायु : रेतीली दोमट मिट्टी जिसमें पानी का निकास अच्छा हो। पीएच 6 से 7 तक हो। तापमान: 20°C से 35°C आदर्श।
2. पौधों की व्यवस्था और दूरी : एक एकड़ में करीब 1700–1800 पौधे लगाए जा सकते हैं। 6x6 फीट की दूरी रखें। हर पौधे के लिए एक सीमेंट या पत्थर का खंभा लगाना होता है।
3. सिंचाई : ड्रिप सिंचाई सबसे बेहतर विकल्प है। बहुत ज्यादा पानी नुकसानदायक हो सकता है।
4. खाद और देखभाल : गोबर खाद, नीम खली, वर्मी कम्पोस्ट, और जीवामृत का प्रयोग करें। समय-समय पर खरपतवार हटाते रहें और कीटों की निगरानी रखें।
5. फूल और फल : पौधा 6 से 8 महीने में फूल देना शुरू करता है। पहले वर्ष में कुछ फल, और दूसरे साल से व्यावसायिक मात्रा में उत्पादन। एक पौधा साल में 4-5 बार फल दे सकता है।
एक एकड़ से कितनी कमाई हो सकती है?
ड्रैगन फ्रूट की खेती में शुरुआत में खर्च थोड़ा अधिक होता है – जैसे खंभे लगाना, ट्रीलिस बनाना, ड्रिप सिस्टम इत्यादि। परंतु, यह पौधा 20 साल तक फल देता है और साल-दर-साल उत्पादन बढ़ता है। कमाई का अनुमान (प्रति एकड़): प्रति पौधा साल में 10-15 किलोग्राम फल ,1700 पौधे × 10 किलो = 17,000 किलो फल बाजार मूल्य ₹100 से ₹200 प्रति किलो (गुणवत्ता और बाजार पर निर्भर), कुल कमाई = ₹12 लाख से ₹17 लाख प्रतिवर्ष खर्च = ₹3-4 लाख प्रतिवर्ष, शुद्ध लाभ = ₹12 लाख प्रतिवर्ष
ड्रैगन फ्रूट की मार्केटिंग और मांग
ड्रैगन फ्रूट की मांग बड़ी मंडियों, सुपरमार्केट, होटल, और फार्मा इंडस्ट्री में लगातार बढ़ रही है। यह फल इम्यूनिटी बढ़ाने, स्किन ग्लो, डायबिटीज कंट्रोल, और एंटीऑक्सीडेंट गुणों के कारण सेहत के लिहाज़ से बहुत फायदेमंद है कई कंपनियाँ जूस, जैम, चाय, सौंदर्य उत्पादों में इसका इस्तेमाल करती हैं।

सरकारी सहायता और सब्सिडी
भारत सरकार "मिशन फॉर इंटीग्रेटेड डेवलपमेंट ऑफ हॉर्टिकल्चर (MIDH)" के तहत ड्रैगन फ्रूट जैसी उच्च मूल्य वाली फसलों पर सब्सिडी देती है। कई राज्य सरकारें खंभे, पौधे, ड्रिप इत्यादि पर 40% से 75% तक की सहायता भी प्रदान कर रही हैं। नाबार्ड और कृषि विभाग से संपर्क कर आप लोन और मार्गदर्शन प्राप्त कर सकते हैं।
सफल किसानों की मिसाल
1. राजू पाटिल, महाराष्ट्र – 3 एकड़ में ड्रैगन फ्रूट लगाकर प्रति वर्ष ₹25 लाख तक की कमाई कर रहे हैं।
2. श्रीनिवास रेड्डी, तेलंगाना – खेती की शुरुआत 100 पौधों से की, अब 10 एकड़ में खेती कर रहे हैं और देशभर में सप्लाई दे रहे हैं।
ड्रैगन फ्रूट है भविष्य की फसल
ड्रैगन फ्रूट की खेती उन किसानों के लिए बेहतरीन विकल्प है जो पारंपरिक खेती से कुछ नया, टिकाऊ और लाभदायक करना चाहते हैं। अगर आप भी कम पानी में ज्यादा कमाई का सपना देख रहे हैं, तो यह फसल आपके लिए आदर्श हो सकती है। बस जरूरी है – सही जानकारी, थोड़ी तकनीकी समझ, और बाजार की सूझबूझ। फिर देखिए कैसे आपकी ज़मीन भी ड्रैगन जैसे मुनाफे उगलती है। ऐसी अमेजिंग जानकारी के लिए जुड़े रहे Hello Kisaan के साथ और आपको ये जानकारी कैसी लगी हमे कमेंट करके जरूर बताइये।।जय हिन्द जय भारत ।।
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