देसी जैविक खेती कैसे शुरू करें


जब ज़मीन थकने लगे, तब उसे दवा नहीं, सेवा चाहिए – जैविक खेती वही सेवा है। आज हमारे खेत थक चुके हैं। पहले जहां मिट्टी में गाय का गोबर पड़ता था, वहीं अब यूरिया और दवाई डाली जाती है। पहले खेतों से खुशबू आती थी, अब रासायनिक बदबू। इसका असर सिर्फ फसल पर नहीं, हमारे खाने और सेहत पर भी पड़ रहा है। ऐसे में अब ज़रूरत है देसी जैविक खेती की ऐसी खेती जो पुराने तरीकों से की जाए, लेकिन आज के हिसाब से भी काम आए।

जैविक खेती क्या होती है?
जैविक खेती मतलब – बिना किसी ज़हर या रासायनिक दवा के खेती करना। इसमें हम: खेत में यूरिया, डीएपी या कीटनाशक नहीं डालते गाय का गोबर, गौमूत्र, सड़ी पत्ती, देसी खाद, जीवामृत जैसे प्राकृतिक चीज़ें डालते हैं ज़मीन, पानी और फसल – तीनों को सुरक्षित रखते हैं फसलों को मौसम के हिसाब से उगाते हैं इस खेती में हम मिट्टी को मारते नहीं, बल्कि उसे जीने देते हैं।
जैविक खेती की शुरुआत कैसे करें?
1. सबसे पहले मिट्टी की जांच करवाओ: जैसे इंसान का इलाज करने से पहले डॉक्टर खून की जांच करता है, वैसे ही खेती शुरू करने से पहले मिट्टी की जांच जरूरी है। आपके इलाके की सरकारी कृषि केंद्र में मुफ्त मिट्टी जांच होती है। इससे पता चलेगा कि आपकी मिट्टी में क्या कमी है – और उसी के हिसाब से आप खेती की तैयारी कर सकते हैं।
2. खेत की सफाई और तैयारी: खेत को 2–3 बार हल से जोतिए पहले जुताई में ही खेत में सड़ा हुआ गोबर या देसी खाद डालिए कोई भी रासायनिक चीज़ मत डालिए मिट्टी में धीरे-धीरे बदलाव दिखने लगेगा उसकी खुशबू बदलेगी, रंग बदलेगा, ताकत लौटेगी।
3. एक गाय से खेती का पूरा इंतज़ाम: अगर आपके पास एक देसी गाय है, तो बस उसी से आप 2 एकड़ जैविक खेती कर सकते हैं। गाय के गोबर और गौमूत्र से बनता है – जीवामृत, जो खेती की सबसे ताकतवर देसी खाद है।
जीवामृत कैसे बनाएं?
10 किलो ताज़ा गोबर, 5 लीटर गौमूत्र, 1 किलो गुड़, 1 किलो बेसन, 1 मुट्ठी खेत की मिट्टी, 200 लीटर पानी इन्हें मिलाकर किसी ड्रम या बाल्टी में 2 दिन ढककर रखें। हर हफ्ते 1 या 2 बार फसलों पर छिड़क दें – ड्रिप से या स्प्रे से।
4. देसी बीज इस्तेमाल करें : हाइब्रिड बीजों से फसल दिखने में बड़ी लगती है, लेकिन वो बार-बार बीज खरीदने पड़ते हैं। देसी बीज एक बार लो, और सालों तक इस्तेमाल करो।
ये बीज: सस्ते होते हैं बीमारी से खुद लड़ते हैं ज़मीन को नुकसान नहीं पहुंचाते
खेती को आगे कैसे बढ़ाएं?
1. एक साथ कई फसलें उगाओ – मल्टी क्रॉपिंग एक ही खेत में 2 या 3 फसलें एक साथ उगाओ। जैसे – बाजरा + मूंग + तिल, या अरहर + मक्का + लोबिया।
इससे फायदा ये होगा कि: मिट्टी की ताकत बनी रहती है अगर एक फसल खराब भी हो जाए, दूसरी से आमदनी हो जाती है
2. अपने हाथ से कीटनाशक बनाओ रासायनिक दवाएं ज़हर हैं – पौधों को ठीक करती हैं पर मिट्टी को मार देती हैं। इसलिए अपने घर में ही देसी कीटनाशक बनाओ: नीम का रस (नीम तेल) दशपर्णी अर्क (10 तरह की पत्तियों से बनाया जाता है) अग्निसात्र या ब्रह्मास्त्र – ये कीड़े भगाते हैं, लेकिन ज़मीन को नुकसान नहीं करते।
3. पानी की बचत- आज सबसे महंगी चीज़ है – पानी। इसलिए: ड्रिप सिंचाई सिस्टम लगाओ खेत में मल्चिंग करो (सूखी घास या पत्तियों से ढक देना) घर की छत का पानी बचाओ (वर्षा जल संचयन) ये सब तरीके आसान हैं और लंबे समय तक काम आते हैं।

जैविक फसल कहां और कैसे बेचें?
1. गांव की मंडी या साप्ताहिक बाजार में 2. अपने मोहल्ले, रिश्तेदारों और दोस्तों को सीधे बेचना शुरू करो 3. WhatsApp और Instagram जैसे मोबाइल ऐप से ग्राहक बनाओ 4. अपनी खुद की ब्रांडिंग करो – नाम दो, पैकिंग अच्छे से करो 5. Hello Kisaan की वेबसाइट पर अगर 20 – 25 ग्राहक बन गए तो हर महीने ₹15,000 – 20,000 आराम से कमा सकते हो – और वो भी सीधे अपने खेत से।
लागत और मुनाफा – फर्क साफ है
रासायनिक खेती में हर एकड़ में ₹6000 – ₹10000 तक खर्च जैविक खेती में ₹500 – ₹1000 में ही काम चल जाता है पहले साल थोड़ी मेहनत ज़्यादा लगती है दूसरे साल मिट्टी सुधरती है तीसरे साल से फसल भी और आमदनी भी बढ़ जाती है और आखिर में – जैविक खेती सिर्फ खेती नहीं है, एक सोच है इसका मतलब सिर्फ "यूरिया मत डालो" नहीं है, बल्कि ये एक तरीका है जिससे: किसान की सेहत ठीक रहती है खाने वाले को सही खाना मिलता है और ज़मीन की उम्र लंबी होती है

निष्कर्ष
अब वक्त आ गया है कि हम खेती को फिर से “देसी और शुद्ध” बनाएं। अगर आपके पास एक गाय है, थोड़ी जमीन है, और दिल से मेहनत करने की नीयत है तो आप भी जैविक खेती शुरू कर सकते हैं। जैविक खेती अपनाओ, ज़हर से बचाओ – और आने वाली पीढ़ियों को उपजाऊ भारत सौंपो। ऐसी ही देसी और सच्ची जानकारी के लिए जुड़े रहो – Hello Kisaan के साथ। अगर अच्छा लगा तो नीचे कमेंट ज़रूर करना। ।। जय हिन्द जय भारत ।।
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