भारत में होती है एक फुट से भी लम्बी मिर्च


मिर्च का नाम सुनते ही जुबान पर तीखापन और आंखों में पानी आ जाता है। लेकिन क्या आपने कभी एक फुट से भी लंबी मिर्च के बारे में सुना है? जी हां, भारत में एक ऐसी अनोखी मिर्च भी उगाई जाती है, जिसकी लंबाई 12 से 14 इंच तक हो सकती है। ये मिर्च न केवल अपने आकार के कारण खास है, बल्कि स्वाद और पैदावार के मामले में भी किसानों के लिए बहुत फायदेमंद साबित हो रही है। गुजरात के एक छोटे से गांव गामेठा के किसान अशोक पढियार ने आज जो कर दिखाया है, वह पूरे भारत के किसानों के लिए एक प्रेरणा बन गया है। अशोक जी ने अपनी मात्र दो बीघे जमीन में मिर्च की ऐसी किस्म उगाई है जिसकी लंबाई एक फीट तक पहुंच चुकी है। यह मिर्च न केवल दिखने में आकर्षक है, बल्कि अपने आकार और गुणवत्ता के कारण स्थानीय बाजार में भी काफी लोकप्रिय हो रही है।

इंटरनेट बना ज्ञान का खजाना
अशोक जी ने खेती में कुछ नया करने की ठानी। उन्होंने पारंपरिक तरीकों को पीछे छोड़ते हुए इंटरनेट की मदद ली। देश-विदेश के किसानों के अनुभव पढ़े, यूट्यूब वीडियो देखे और अधिक उत्पादन देने वाली मिर्च की हाइब्रिड वैरायटी को चुना। बीज उन्होंने ऑनलाइन ही ऑर्डर किए। यही नहीं, उन्होंने ड्रिप इरिगेशन, जैविक खाद और मल्चिंग तकनीक जैसे आधुनिक उपायों को भी अपनाया।
नई तकनीक से मिली नई पहचान
जब बुवाई का समय आया, तो अशोक जी ने एक-एक कदम सोच-समझकर रखा। मिट्टी की जांच से लेकर उर्वरक प्रबंधन तक, हर चीज़ में सावधानी बरती। इस मेहनत का नतीजा यह हुआ कि उनकी मिर्च की फसल ने सबको चौंका दिया। एक फीट लंबी मिर्चियां खेतों में लहराने लगीं। हरे रंग की चमचमाती इन मिर्चियों ने गांव ही नहीं, आसपास के बाजारों में भी खूब धूम मचाई।
बाजार में बनी मांग
इस विशेष किस्म की मिर्च को देखने के लिए आसपास के किसान और व्यापारी गामेठा गांव पहुंचने लगे। इसकी लंबाई और ताजगी को देखकर स्थानीय सब्जी मंडियों में अशोक जी की मिर्च की मांग तेज़ हो गई। सामान्य मिर्च की तुलना में ये मिर्चियां बेहतर दाम पर बिक रही हैं। इससे अशोक जी की आमदनी में भी अच्छा खासा इज़ाफा हुआ है।

प्रेरणा बने अशोक पढियार
आज अशोक जी गांव के उन किसानों के लिए प्रेरणा बन चुके हैं जो मानते थे कि खेती में कुछ नया नहीं हो सकता। उन्होंने यह साबित कर दिया कि अगर जिज्ञासा हो सीखने की लगन हो और तकनीक का सही इस्तेमाल हो तो कम ज़मीन में भी बेहतर उत्पादन लिया जा सकता है। उनका सपना है कि वे आने वाले समय में और भी किसानों को यह तकनीक सिखाएं और एक मॉडल फार्म तैयार करें।
निष्कर्ष
गामेठा गांव की इस एक फीट लंबी मिर्च की कहानी सिर्फ एक फसल की नहीं, बल्कि एक किसान की सोच, मेहनत और तकनीक के मेल की कहानी है। अशोक पढियार ने दिखा दिया कि अगर किसान ठान ले, तो वह न सिर्फ अपनी किस्मत बदल सकता है, बल्कि गांव, राज्य और देश का नाम भी रोशन कर सकता है। यदि किसान भाई भी खेती में कुछ नया करना चाहते हैं, तो अशोक जी की यह कहानी आपके लिए एक आदर्श है नई सोच, नई खेती, नई सफलता।
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