ट्रैक्टर नहीं? 3 देसी मशीनें करें खेती आसान

28 Jul 2025 | NA
ट्रैक्टर नहीं? 3 देसी मशीनें करें खेती आसान

भारत के लाखों किसान आज भी ऐसे हैं जिनके पास ट्रैक्टर नहीं है। ज़मीन है, मेहनत है, सपना भी है बस मशीनों की ताकत की कमी है। लेकिन क्या ट्रैक्टर न होना किसान की हार है? बिलकुल नहीं! आज तकनीक ने छोटे किसानों के लिए नए रास्ते खोल दिए हैं। अब ऐसी देसी मशीनें आ चुकी हैं जो कम खर्च, कम जगह और कम ताकत में ज्यादा काम करती हैं।

तो आइए जानते हैं – 3 ऐसी मशीनों के बारे में जो ट्रैक्टर के बिना भी खेती को बना दें असरदार, तेज़ और आसान।


1. पावर वीडर – छोटा पैकेट, बड़ा धमाका

यह क्या करता है?

पावर वीडर एक बहु-उपयोगी मशीन है जो खेत की जुताई, खरपतवार हटाना, क्यारी बनाना और मिट्टी को पलटना जैसे कामों में आता है। यह खासकर उन किसानों के लिए बना है जिनके पास सीमित ज़मीन है और जो ट्रैक्टर अफोर्ड नहीं कर सकते।

कहां उपयोगी?

1. सब्ज़ी और बागवानी की खेती में    2. पहाड़ी और छोटे खेतों में    3. क्यारी बनाने और मिट्टी सॉफ्ट करने के लिए    4.जंगली घास साफ़ करने में

फायदे:

1.  ट्रैक्टर का बेहतरीन विकल्प   2.  एक ही मशीन से 3 – 4 काम   3. चलाने में आसान – एक व्यक्ति ही काफी   4.  सस्ता, मजबूत और टिकाऊ

कीमत:

₹25,000 – ₹75,000 (ब्रांड और मॉडल पर निर्भर)

प्रमुख ब्रांड:

VST Shakti, Greaves Cotton, Kisankraft

use of power weeder machine in village


2. मल्टीक्रॉप थ्रेशर – फसल झाड़ना अब झंझट नहीं

यह क्या करता है?

फसल काटने के बाद जो मेहनत लगती है दाना अलग करने की, वह काम करता है थ्रेशर। अब ये मशीन छोटे डीज़ल इंजन या मोटर से भी चलती है मतलब ट्रैक्टर की जरूरत नहीं!

किन फसलों के लिए?

1. गेहूं  2. धान  3. जौ  4. चना  5. मक्का  6. सरसों

फायदे:

1. दाना झाड़ने का समय 60% तक घटामज़दूरी कम — 4 की जगह 2 लोग ही काफी  2. गांव के 2 – 3 किसान मिलकर भी खरीद सकते हैं  3. सरकारी सब्सिडी भी उपलब्ध

कीमत:

₹40,000 – ₹90,000

सरकारी सहायता:

SMAM योजना, PM किसान योजना, और राज्य योजनाएं – 40% से 80% तक सब्सिडी।

कहां संपर्क करें?

अपने नजदीकी कृषि विभाग, CSC सेंटर या कृषक सेवा केंद्र पर।

use of Multicrop Thresher in village

3. बैटरी ऑपरेटेड स्प्रेयर – छिड़काव अब थकाऊ नहीं

यह क्या करता है?

यह मशीन कीटनाशक, पोषण स्प्रे, जैविक खाद और फोलियर छिड़काव के लिए इस्तेमाल होती है। बैटरी से चलती है, खुद प्रेशर बनाती है, और किसान को भारी टंकी उठाने की ज़रूरत नहीं पड़ती।

कहां उपयोगी?

1. सब्ज़ी, फूल, फल, दलहन-तिलहन की खेती में    2. जैविक खेती के स्प्रे में    3. महिलाओं व बुज़ुर्गों के लिए भी सरल

फायदे:

1. शरीर पर वजन नहीं  2. 1 बार चार्ज पर 2 – 3 घंटे तक काम  3. समय और मेहनत – दोनों की बचत  4. सटीक और समान छिड़काव

कीमत:

₹2,000 – ₹5,000

प्रमुख ब्रांड:

Neptune, Agrimate, Kisankraft

तुलना – क्या सच में फर्क पड़ता है?

काम                                                      पहले (मैन्युअल)                                     अब (मशीन से)

खरपतवार हटाना                                      1 दिन में 1 बीघा                                 1 दिन में 3–4 बीघा

दाना झाड़ना                                      3 – 4 लोग, 2 दिन                                 2 लोग, 5 घंटे

छिड़काव                                              1 घंटा में 1 बीघा                                 30 मिनट में 1 बीघा

Battery Operated Sprayer use in village


सरकार की मदद – सब्सिडी का सही इस्तेमाल करें

भारत सरकार और राज्य सरकारें किसानों को कृषि यंत्र खरीदने के लिए सहायता देती हैं। नीचे दी गई योजनाएं आपके लिए मददगार हो सकती हैं:

1. SMAM योजना (Sub-Mission on Agricultural Mechanization)   2. प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना (PM Kisan)  3.राज्य सरकारों की कृषि यंत्र सब्सिडी योजना  4. इन योजनाओं के तहत 40% से 80% तक सब्सिडी मिल सकती है।

 कैसे आवेदन करें?

अपने जिले के कृषि अधिकारी, CSC सेंटर या agrimachinery.nic.in वेबसाइट से जानकारी लें।

ट्रैक्टर नहीं, तो क्या हुआ? हिम्मत और उपाय दोनों हैं!

खेती अब सिर्फ ताकत का नहीं, समझदारी और तकनीक का काम है।
जिसके पास ट्रैक्टर नहीं है, वह आज पावर वीडर, थ्रेशर और बैटरी स्प्रेयर जैसे विकल्पों से खेती को नई ऊंचाई दे सकता है।
“किसान वो नहीं जो बस बैल या ट्रैक्टर से खेत जोते,किसान वो है जो हालातों को हौंसले से जोत दे।

इन देसी मशीनों ने ये साबित कर दिया है कि छोटा किसान भी बड़ी खेती कर सकता है – बस जानकारी, तकनीक और थोड़ी-सी योजना चाहिए।

Hello Kisaan" के साथ जुड़िए – जहाँ मिलती है आपको खेती की हर नई जानकारी, सही सलाह और भरोसेमंद तकनीक।

अगर ये लेख आपको काम का लगा हो, तो इसे अपने गांव, रिश्तेदार या व्हाट्सएप ग्रुप में ज़रूर शेयर करें – ताकि हर किसान तक पहुंचे ये दमदार जानकारी।

।। जय हिन्द जय भारत ।।

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