नीम ऑयल से कीट प्रबंधन – देसी तरीका

07 Sep 2025 | NA
नीम ऑयल से कीट प्रबंधन – देसी तरीका

भारतीय खेती में कीटों से फसल को होने वाला नुकसान एक बड़ी समस्या है। रासायनिक कीटनाशकों से भले ही तुरंत राहत मिलती हो, लेकिन लंबे समय में ये मिट्टी, फसल, और मानव स्वास्थ्य के लिए खतरनाक साबित होते हैं। ऐसे में "नीम का तेल" यानी नीम ऑयल एक बेहतरीन देसी और प्राकृतिक विकल्प बनकर उभरा है। नीम ऑयल से कीटों पर नियंत्रण भी होता है और मिट्टी तथा पर्यावरण को भी नुकसान नहीं पहुंचता।

इस लेख में हम जानेंगे नीम ऑयल से कीट नियंत्रण कैसे करें, इसे बनाने और छिड़कने का सही तरीका, किन कीटों पर असरदार है, और इसके देसी फार्मूले।

benefits of neem oil

नीम ऑयल क्या है?

नीम ऑयल नीम के बीजों से निकाला गया तेल होता है। इसमें Azadirachtin नामक एक शक्तिशाली यौगिक पाया जाता है, जो कीटों की प्रजनन क्षमता, भूख और जीवनचक्र को प्रभावित करता है। नीम ऑयल की गंध और स्वाद भी कीटों को दूर रखता है। यह प्राकृतिक, जैविक और पर्यावरण अनुकूल होता है।

नीम ऑयल कैसे काम करता है?

कीटों की भूख को मारता है – जिससे वे पौधों को खाना बंद कर देते हैं। उनके अंडों को नष्ट करता है या उनमें से लार्वा नहीं निकलने देता। कीटों की संख्या और जीवन चक्र को बाधित करता है। मिट्टी के जीवों या परागण करने वाले कीड़ों जैसे मधुमक्खियों पर कोई असर नहीं डालता।

किन कीटों पर असरदार है नीम ऑयल?

नीम ऑयल लगभग हर प्रकार के चूसक और कुतरने वाले कीटों पर असरदार होता है, जैसे: सफेद मक्खी , थ्रिप्स , एफिड्स , स्पाइडर माइट्स, फल मक्खी , टिड्डे, कैटरपिलर, लीफ माइनर

नीम ऑयल का देसी घोल कैसे बनाएं?

सामग्री: नीम का तेल – 50 मिली, नीम की खली – 250 ग्राम (यदि उपलब्ध हो), कोई जैविक लिक्विड साबुन – 10 मिली , पानी – 15 लीटर

बनाने की विधि: 1. एक बाल्टी में 15 लीटर पानी लें। 2. उसमें नीम का तेल डालें। 3. जैविक साबुन मिलाएं ताकि घोल पत्तियों पर चिपक सके। 4. इसे अच्छी तरह से मिलाएं जब तक एक समान मिश्रण न बन जाए। 5. चाहें तो नीम खली को रातभर पानी में भिगोकर इस घोल में छानकर मिला सकते हैं।

छिड़काव का तरीका: सुबह या शाम के समय छिड़काव करें जब धूप तेज न हो।, हर 7-10 दिन में एक बार छिड़काव करें।, यदि वर्षा हो जाए तो दोबारा छिड़काव करें।, पत्तियों के नीचे और ऊपरी सतह दोनों पर छिड़काव करें।फूलों के समय छिड़काव न करें, ताकि मधुमक्खियों पर असर न हो।

how to use neem oil in farms

नीम ऑयल छिड़कने के फायदे:

जैविक और पर्यावरण अनुकूल, मिट्टी की उर्वरता बनी रहती है, फसल का स्वाद और गुणवत्ता बनी रहती है, मानव और पशु स्वास्थ्य के लिए सुरक्षित, बार-बार बदलने की जरूरत नहीं, लंबे समय तक असरकारक, लागत में सस्ता और देसी तरीका

नीम ऑयल का उपयोग किन फसलों में करें?

नीम ऑयल का उपयोग सभी प्रकार की फसलों में किया जा सकता है: सब्ज़ियाँ: टमाटर, बैंगन, मिर्च, गोभी, लौकी, भिंडी फलदार फसलें: आम, अमरूद, नींबू, अनार, केला अनाज: धान, गेहूं, मक्का दलहन: अरहर, मूंग, उड़द मसाले: धनिया, सौंफ, हल्दी, अदरक

how to make neem oil to save crops

नीम ऑयल बनाम रासायनिक कीटनाशक:

विशेषता                                               नीम ऑयल                                                                         रासायनिक कीटनाशक

पर्यावरणीय प्रभाव                              बिल्कुल सुरक्षित                                                                  हानिकारक

मानव स्वास्थ्य                                       बिना दुष्प्रभाव                                                                  जहरीले प्रभाव संभव

मिट्टी की सेहत                                       सुधरती है                                                                           बिगड़ती है

फसल की गुणवत्ता                                बढ़ती है                                                                           कम हो सकती है

लागत                                                कम                                                                                   अधिक

जैव विविधता                                       बनी रहती है                                                                           घटती है

किसान भाइयों के लिए सुझाव:

नीम ऑयल हमेशा 100% शुद्ध और कोल्ड-प्रेस्ड लें। लोकल स्तर पर नीम से खुद भी तेल निकाला जा सकता है। जिन क्षेत्रों में नीम के पेड़ अधिक हों, वहां इसका उपयोग और सस्ता हो सकता है। नीम के साथ अन्य देसी उपाय जैसे लहसुन-नीम-अदरक घोल या पंचगव्य भी मिलाकर प्रयोग किए जा सकते हैं।

निष्कर्ष:

नीम ऑयल न केवल एक सस्ता और प्रभावी कीट प्रबंधन उपाय है, बल्कि यह प्राकृतिक खेती और जैविक सोच की दिशा में एक सशक्त कदम भी है। रासायनिक कीटनाशकों के स्थान पर जब किसान नीम ऑयल जैसे देसी विकल्प अपनाते हैं, तो फसल की गुणवत्ता, जमीन की उर्वरता और स्वास्थ्य – सबमें सुधार होता है। आज जब दुनिया जैविक खेती की ओर बढ़ रही है, तब हमारे अपने देश का यह पारंपरिक ज्ञान हमें आत्मनिर्भर बना सकता है।

ऐसी ही देसी जानकारियों के लिए जुड़े रहिए Hello Kisaan के साथ। और आपको ये जानकारी कैसी लगी हमे कमेंट कर के जरूर बताइये  ।। जय हिन्द जय किसान ।।

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