सैकड़ों जड़ी-बूटियां के प्रयोग से बनाते हैं गुणकारी मुरब्बा


किसानों का कमाल, सैंकड़ों तरह की जड़ी-बूटियां उत्पादित कर उनसे बना रहे बेहद कमाल के प्रोडक्ट्स। जो अपनी गुणवत्ता के कारण उच्च स्तर पर डिमांड में बने रहते हैं। इनमें गुलकंद, मुरब्बा, चवनप्राश इत्यादि स्वस्थकर औषधियों से युक्त प्रोडक्ट है। जिनको पुराने जमाने की ओखली से कूटने से लेकर आधुनिक तकनीक की मशीनों के प्रयोग से बनाया जाता है, जिसमें कटिंग, पेस्टिंग, पैकिंग सब कुछ ऑटोमेटिक होता है। आये जानते हैं 37 सालों से आयुर्वेद से जुड़े अशोक गुप्ता जी से इस तकनीक और संपूर्ण विधि को।

जड़ी बूटियां से बने प्रोडक्ट:
विभिन्न किसानों के माध्यम से लगभग 200 प्रकार की जड़ी-बूटियों को अनेक स्रोतों से प्राप्त कर इस्तेमाल किया जाता है। जैसे कचनार, गुड़मार, मीठा नीम, सहजन की छाल, नीम गिलोय आदि सभी जड़ी-बूटियां को अच्छे से साफ कर, उन्हें बिनते हैं। इन औषधी के उगने वाली वाटिका को अमृतम वाटिका के नाम से जाना जाता है। सभी जड़ी-बूटियों को सबसे पहले धूप में सुखते हैं, फिर उन्हें एक मशीन में डालकर दरदरा पीस लेते हैं। तब दूसरी मशीन में डालकर उन्हें महीन पीसते हैं और पीसने के बाद छानते हैं तथा तब यह मैदा के समान बारीक हो जाती है।

अब इस बारीक औषधिय पाउडर को एक बड़े से भागोन में डालते हैं, जिसमें थोड़ा पानी डालकर उसे करीब 30 घंटे तक पानी में गलने के लिए छोड़ देते हैं। इन पाउडर और पेस्ट को विभिन्न प्रक्रियाओं के तहत बनाया जाता है। जैसे एक बड़ी-सी कढ़ाई में पेस्ट डालकर तथा उसमें पानी मिलाकर बहुत ही धीमी आंच पर उबालने के लिए छोड़ देते हैं, जिससे एक लाभदायक और गुणकारी काढ़ा बनकर तैयार हो जाता है। इसमें इलायची, काली मिर्च, मुलेठी, जायफल, लौंग इत्यादि मसाले को भी डाला जाता है। इसको बहुत ही अच्छे तरीके से गरम कर इस बने पेस्ट का पानी खत्म कर देते हैं, ताकि यह लंबे समय तक चल सके और फफूंद इत्यादि पडकर खराब ना हो, इसलिए भी मसाले डाले जाते हैं।

पैकिंग सिस्टम:
अलग-अलग औषधिय गुणों से युक्त कई प्रकार के गुणकारी मुरब्बे और च्यवनप्राश, जो बहुत सारी बीमारियों में काम आते हैं, को एक निश्चित मात्रा के डब्बे में भरकर ऑटोमेटिक मशीन द्वारा पैक कर देते हैं। तथा फिर अपनी ब्रांड आदि की लेबलिंग कर बाजार में बेचने के लिए सप्लाई हेतू तैयार कर देते हैं। इनकी इस कार्यशाला में लगभग 130 तरीके के प्रोडक्ट बनकर तैयार होते हैं जिन्हें उनकी वेबसाइट amrutam.co.in पर संपर्क द्वारा प्राप्त कर सकते हैं।

मुरब्बा खाने के लाभ:
च्यवनप्राश में मौजूद विटामिन सी, एंटीऑक्सीडेंट और अन्य पोषक तत्व इम्यूनिटी को तो बढ़ते ही है तथा साथ में तनाव से लड़ने में भी मदद करते हैं। च्यवनप्राश पाचन क्रिया को बेहतर कर वजन को नियंत्रित करता है, खून साफ रखता है और शरीर से विषाक्त पदार्थ बाहर निकाल कर हृदय की सेहत में भी सुधार लाता है। इसी के साथ हड्डियां मजबूत होती है और त्वचा को भी फायदा मिलता है। कहते हैं कि ऐसे औषधिय गुणों से युक्त मुरब्बा या च्यवनप्राश के सेवन से बुढ़ापे को भी रोका जा सकता है, इसलिए निश्चित मात्रा में इसका प्रयोग करना चाहिए।

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