छोटा बायोगैस प्लांट: सस्ता और फायदेमंद


बायोगैस प्लांट एक ऐसा सिस्टम है, जो गोबर या किचन के जैविक कचरे से गैस बनाकर खाना बनाने में मदद करता है। यह पर्यावरण के लिए अच्छा है और लकड़ी या एलपीजी गैस का एक बढ़िया विकल्प है। इस लेख में हम सिनेटेक्स कंपनी के छोटे बायोगैस प्लांट के बारे में जानेंगे।
बायोगैस प्लांट कैसे काम करता है?
1. गोबर और पानी मिलाकर एक पतली स्लरी बनाई जाती है।
2. इस स्लरी को टैंक में डाला जाता है।
3. टैंक के अंदर यह धीरे-धीरे सड़ता है और गैस बनती है।
4. यह गैस पाइप के जरिए किचन तक पहुंचती है।
5. बचा हुआ गोबर खाद के रूप में इस्तेमाल किया जाता है।

छोटे बायोगैस प्लांट के फायदे
- कम खर्च – बड़े बायोगैस प्लांट के मुकाबले सस्ता है।
- मजबूत और टिकाऊ – यह पानी की टंकी जैसे मजबूत प्लास्टिक से बना होता है, जो जल्दी खराब नहीं होता।
- पर्यावरण के अनुकूल – धुआं नहीं निकलता, पेड़ कटने से बचते हैं।
- खाद भी मिलेगी – बचा हुआ गोबर जैविक खाद के रूप में खेतों में डाला जा सकता है।
- घर के लिए बढ़िया समाधान – यह एक छोटे परिवार की गैस जरूरत को पूरा कर सकता है।

इसकी कीमत और क्षमता
यह बायोगैस प्लांट 80,000 रुपये का लगा था, लेकिन अगर आपको छोटा बिओगास लगवना चाहते हो तो 50,000 रुपये में लग सकता है। यह प्लांट एक फॅमिली के लिया सस्ता और अच्छा रहेंगे।
निष्कर्ष
अगर आप एक फॅमिली के लिया सस्ता और प्राकृतिक गैस विकल्प चाहते हैं, तो छोटा बायोगैस प्लांट आपके लिए सही रहेगा। इससे रसोई का खर्च भी कम होगा और पर्यावरण को भी फायदा मिलेगा।
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