वो गाय जिसने दूध नहीं, इतिहास बहाया


दूध – भारत सहित दुनिया भर में पोषण और स्वास्थ्य का प्रतीक है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि एक गाय 24 घंटे में कितना दूध दे सकती है? 20 लीटर? 40 लीटर? चलिए सोच को थोड़ा और बढ़ाते हैं -127.570 किलोग्राम जी हां, यह कोई कल्पना नहीं, बल्कि सच्चाई है। एक ब्राज़ीलियन गाय ने 24 घंटे में इतना दूध देकर दुनिया का रिकॉर्ड बना डाला।
इस गाय का नाम है Marilia FIV Tetê do Nylo, और इसने 3 अगस्त 2019 को ऐसा इतिहास रच दिया, जिसे तोड़ पाना आज भी नामुमकिन जैसा लगता है।

कहाँ बना रिकॉर्ड?
यह रिकॉर्ड बना ब्राज़ील के पास आयोजित 34वें मिल्क सैंड्स टूर्नामेंट (34° Torneio Leiteiro da ExpoLeite) के दौरान। यह प्रतियोगिता गायों के दूध उत्पादन के लिए आयोजित होती है, जहां कई नस्लों की बेहतरीन गायों को परीक्षण में लाया जाता है।
इस प्रतियोगिता के दिन Marilia को तीन बार दूध दिया – सुबह, दोपहर और रात में। कुल मिलाकर इसने मात्र 24 घंटे में 127.570 किलोग्राम (यानि लगभग 281 पाउंड 3.89 औंस) दूध दिया।
यह प्रदर्शन इतना शानदार था कि इसने पिछले 39 सालों का रिकॉर्ड तोड़ दिया।
कौन है Marilia FIV Tetê do Nylo?
Marilia एक गिरोलैंडो नस्ल (Girolando) की गाय है, जो कि ब्राज़ील में विकसित एक हाईब्रिड गाय है। यह नस्ल दो प्रमुख गायों के मेल से बनी है:
गिर गाय (भारत की प्राचीन और प्रसिद्ध नस्ल)
होल्स्टीन फ्राइज़ियन (यूरोप की अधिक दूध देने वाली नस्ल)
गिरोलैंडो नस्ल का उद्देश्य था – एक ऐसी गाय तैयार करना जो उष्णकटिबंधीय देशों की गर्मी में भी अधिक दूध दे सके, बीमार न हो और कम लागत में पाली जा सके।
Marilia इसी नस्ल की सबसे शानदार उदाहरण है। इसका पालन-पोषण और प्रशिक्षण ब्राज़ील की Nylo Agropecuária फार्म में हुआ है, जो आधुनिक डेयरी फार्मिंग में अग्रणी मानी जाती है।
Marilia का प्रदर्शन क्यों है ऐतिहासिक?
1. तीन बार दूध दिया – हर 8 घंटे पर
2. हर बार लगभग 42 किलो दूध
3. कोई स्टेरॉयड या दवा नहीं, सिर्फ प्राकृतिक पोषण
4. दूध की गुणवत्ता भी उच्च स्तर की पाई गई – उच्च फैट कंटेंट और प्रोटीन के साथ
यह रिकॉर्ड पूरी तरह स्वस्थ आहार, सही प्रबंधन और नस्लीय गुणवत्ता के बल पर ही हासिल किया।
भारत से है गहरा नाता
Marilia की नस्ल भले ही ब्राज़ील में विकसित हुई हो, लेकिन इसका मूल डीएनए भारत की गिर गाय से आता है।
गिर गाय, जो गुजरात और सौराष्ट्र की शान मानी जाती है, दुनिया की चुनिंदा नस्लों में से है जो:
A2 प्रकार का शुद्ध दूध देती है
गर्मी में सहनशील होती है
रोग प्रतिरोधक क्षमता ज्यादा रखती है
ब्राज़ील ने इन गुणों को पहचाना और गिर गाय को होल्स्टीन से मिलाकर गिरोलैंडो नाम की नई नस्ल बनाई — और Marilia उसी का फल है।

क्यों मायने रखता है यह रिकॉर्ड?
इस रिकॉर्ड से पशुपालन और डेयरी उद्योग को कई प्रेरणाएँ मिलीं:
- अच्छी देखभाल और चयनित प्रजनन (Selective Breeding) से कोई भी गाय उच्च क्षमता वाली बन सकती है
- देसी नस्लों के महत्व को समझा गया — खासकर गिर गाय की वैश्विक पहचान और मांग बढ़ी
- डेयरी फार्मिंग में वैज्ञानिक तरीकों और अनुशासित पोषण प्रणाली का महत्व सामने आया
क्या आप जानते हैं ?
भारत के हरियाणा राज्य के करनाल जिले के झिंझाड़ी गांव के किसान सुनील मेहला की गाय 'सोनी' ने एक नया रिकॉर्ड बनाया है। सोनी ने राष्ट्रीय डेयरी अनुसंधान संस्थान (NDRI), करनाल में आयोजित डेयरी मेले के दौरान 24 घंटे में 87.74 किलोग्राम दूध देकर एशिया की सबसे ज्यादा दूध देने वाली गाय का रिकॉर्ड तोड़ा
निष्कर्ष: एक मिसाल, एक प्रेरणा
Marilia FIV Tetê do Nylo सिर्फ एक गाय नहीं, बल्कि दुनिया भर के पशुपालकों के लिए प्रेरणा है। इसने साबित कर दिया कि सही देखभाल, उत्तम नस्ल और वैज्ञानिक मैनेजमेंट से अद्भुत परिणाम हासिल किए जा सकते हैं।
और सबसे बड़ी बात इसमें भारत की मिट्टी की भी खुशबू है। हमारी गिर गाय की खासियतों ने ही Marilia को दुनिया की सबसे अधिक दूध देने वाली गाय बनने का आधार दिया।
इस रिकॉर्ड के बाद गिरोलैंडो नस्ल की मांग दुनियाभर में बढ़ गई है, और कई देश भारत की देसी नस्लों को अपने डेयरी सिस्टम में शामिल करने लगे हैं।ऐसी अमेजिंग जानकारी के लिए जुड़े रहे Hello kisaan के साथ ।।जय हिन्द जय किसान ।।
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