भारत में बना पहला ट्रैक्टर

14 Jul 2025 | NA
भारत में बना पहला ट्रैक्टर

भारत एक कृषि प्रधान देश है, जहां किसान की जिंदगी खेत से जुड़ी होती है। लेकिन एक समय था जब खेती के सारे काम बैल और हल से ही होते थे। मेहनत ज्यादा लगती थी और उत्पादन कम होता था। ऐसे में जब ट्रैक्टर आया, तो खेती की दिशा और दशा दोनों बदल गईं।

आज हम बात करेंगे भारत में बने पहले ट्रैक्टर की – यह कब बना था, किसने बनाया और इसके आने से भारत की खेती में क्या बदलाव आया।

first tractor made in India Escorts Ltd

भारत में पहला ट्रैक्टर कब बना?

भारत में पहला स्वदेशी ट्रैक्टर 1965 में बना था। इससे पहले तक देश में ट्रैक्टर विदेशों से आयात होते थे, जैसे कि अमेरिका, इंग्लैंड, रूस आदि से। लेकिन 1965 में भारत सरकार की नीतियों और आत्मनिर्भरता की दिशा में उठाए गए कदमों के चलते देश में ट्रैक्टर निर्माण की शुरुआत हुई।

भारत में पहला ट्रैक्टर किस कंपनी ने बनाया?

भारत में पहला ट्रैक्टर ‘एस्कॉर्ट्स लिमिटेड’ (Escorts Ltd.) ने बनाया था।

इस कंपनी ने 1965 में ‘फार्मट्रैक’ (Farmtrac) और ‘पॉवरट्रैक’ (Powertrac) ब्रांड नामों के तहत ट्रैक्टरों का उत्पादन शुरू किया।

हालांकि, एक और कंपनी जिसका नाम हैवी इंजीनियरिंग कॉर्पोरेशन (HEC), रांची है, उसने भी भारत सरकार के सहयोग से उसी दशक में ट्रैक्टर का निर्माण शुरू किया था। लेकिन बाजार और किसान के बीच लोकप्रियता पाने वाला पहला व्यावसायिक ट्रैक्टर एस्कॉर्ट्स का ही माना जाता है।

एस्कॉर्ट्स कंपनी का इतिहास:

एस्कॉर्ट्स लिमिटेड की स्थापना 1944 में हुई थी, लेकिन ट्रैक्टर निर्माण में यह कंपनी 1960 के दशक में सक्रिय हुई। इसने फोर्ड कंपनी के साथ तकनीकी सहयोग से ट्रैक्टर बनाना शुरू किया। 1969 में एस्कॉर्ट्स और फोर्ड ने मिलकर भारत में ‘फोर्ड ट्रैक्टर्स’ लॉन्च किए, जिन्हें किसानों ने खूब पसंद किया।

स्वदेशी ट्रैक्टर की खासियतें

भारत में बना पहला ट्रैक्टर पूरी तरह से भारतीय किसानों की जरूरतों को ध्यान में रखकर तैयार किया गया था। इसकी प्रमुख विशेषताएं थीं:

  • कम ईंधन खपत: डीजल की कम खपत से यह ट्रैक्टर किसानों के लिए किफायती था।
  • सरल संचालन: भारतीय किसानों को ध्यान में रखते हुए इसे चलाने के लिए ज्यादा तकनीकी ज्ञान की जरूरत नहीं थी।
  • सस्ते दाम: विदेशी ट्रैक्टरों के मुकाबले इसकी कीमत कम थी, जिससे मध्यमवर्गीय किसान भी इसे खरीद सके।
  • भारतीय मिट्टी के अनुकूल: यह ट्रैक्टर कठोर जमीन, ऊबड़-खाबड़ रास्तों और खेतों के लिए उपयुक्त था।

भारत में ट्रैक्टर उद्योग का विकास

भारत में ट्रैक्टर निर्माण 1960 के दशक में शुरू जरूर हुआ, लेकिन असली विकास 1970 के दशक के बाद हुआ। कुछ प्रमुख भारतीय ट्रैक्टर निर्माता कंपनियों में शामिल हैं:

1. महिंद्रा एंड महिंद्रा (Mahindra & Mahindra):

भारत की सबसे बड़ी ट्रैक्टर निर्माता कंपनी है।

1963 में इंटरनेशनल हार्वेस्टर (IH) के साथ साझेदारी कर ट्रैक्टर निर्माण शुरू किया।

(Mahindra &Mahindra first tractor made in India

2. टैफे (TAFE):

1960 में स्थापित हुई और अब दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी ट्रैक्टर निर्माता कंपनी है।

यह मेस्सी फर्ग्यूसन (Massey Ferguson) ब्रांड के ट्रैक्टर बनाती है।

3. सोनालिका (Sonalika Tractors):

1995 में शुरू हुई और जल्द ही भारतीय किसानों के बीच लोकप्रिय हो गई।

आज यह 130 से अधिक देशों में ट्रैक्टर निर्यात करती है।

4. एचएमटी (HMT Tractors):

सरकार की स्वामित्व वाली कंपनी थी, जिसने 1972 में ट्रैक्टर बनाना शुरू किया।

हालाँकि बाद में इसकी लोकप्रियता में गिरावट आई।

first tractor made in India HMT Tractors


ट्रैक्टर से कृषि में क्रांति

भारत में ट्रैक्टर आने के बाद खेती-किसानी का तरीका ही बदल गया। इसकी मदद से:

  1. खेती की रफ्तार तेज हुई
  2. कम समय में ज्यादा काम संभव हुआ
  3. उत्पादन में वृद्धि हुई
  4. युवाओं का झुकाव आधुनिक खेती की ओर हुआ
  5. सिंचाई, जुताई, बोवाई और कटाई में एक नई ऊर्जा आई

सरकार की भूमिका

भारत सरकार ने ट्रैक्टर निर्माण को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएं चलाईं, जैसे:

ट्रैक्टर पर सब्सिडी योजना

किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) के तहत लोन सुविधा

कस्टम हायरिंग सेंटर की स्थापना

मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत अभियान से ट्रैक्टर उद्योग को नई दिशा मिली

निष्कर्ष:

भारत में ट्रैक्टर निर्माण की शुरुआत 1965 में एस्कॉर्ट्स कंपनी ने की थी, जो एक ऐतिहासिक कदम था। इस कदम ने न केवल देश को तकनीकी रूप से आत्मनिर्भर बनाया, बल्कि किसानों को भी आधुनिक खेती की ओर बढ़ने का रास्ता दिया। आज भारत ट्रैक्टर निर्माण में दुनिया के अग्रणी देशों में शामिल है और इसका श्रेय उन शुरुआती प्रयासों को जाता है जो 1960-70 के दशक में हुए।

ट्रैक्टर आज भी किसान का सबसे भरोसेमंद साथी है, और इसकी शुरुआत की कहानी हमारे कृषि इतिहास का सुनहरा अध्याय है। ऐसी जानकारी के लिए जुड़े रहे Hello Kisaan के साथ और आपको ये जानकारी कैसे लगी कमेंट कर के जरूर बताइये ।। जय हिंदी जय किसान ।।

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