गोभी के बड़े-बड़े फूलों की खेती करने की तरकीब


सर्दियों के मौसम में सर्वाधिक पसंद की जाने वाली सब्जी गोभी को बड़े आकार तथा अधिक वजन में उगाने के उन्नत किस्म के बीज विकसित हो हो गए हैं। किसानों में किसानों में बड़ा गोभी का फूल आकार रिकॉर्ड बनाने की प्रतिस्पर्धा बन गई है। उसी कड़ी में दुनिया की दुनिया की सबसे भारी गोभी का रिकॉर्ड अमेरिका के स्कॉट ए. रॉब ने 31 अगस्त, 2012 को अलास्का राज्य मेले में 62.71 किलोग्राम (138.25 पाउंड) वज़न की गोभी पेश कर बनाया था। इसी प्रकार भारतीय राज्यों में भी गोभी के उन्नत किस्म को उगाकर किसान भाई न सिर्फ अपनी आमदनी बढ़ा रहे हैं, बल्कि भारतीय कृषि शोधकर्ताओं का नाम भी रोशन कर रहे हैं। आये जानते हैं किसान भाइयों को कौन सी किस्में उगानी चाहिए।

भारत के एक रिकॉर्डधारी कृषक:
भारत में सबसे वजनदार गोभी फूल उगाने का विश्व रिकॉर्ड सीकर के अजीतगढ़ कस्बे के किसान जगदीश पारीक कायम कर चुके हैं। ये 25 किलोग्राम का गोभी का फूल अपने खेत में उगाकर ना सिर्फ बाकी न सिर्फ बाकी कृषकों के लिए प्रेरणा स्रोत बने हैं बल्कि उन्होंने लिम्का बुक में नाम भी अपना नाम दर्ज कराया और भारत सरकार द्वारा पद्मश्री पुरस्कार भी प्राप्त कर चुके हैं।
प्रमुख लाभकारी किस्में:
इसमें मौसम के अनुसार आगेती, पिछेती तथा मध्यम सीजन को देखकर भिन्न-भिन्न बीजों की बुवाई की जाती है।इसमें सबसे प्रमुख CFL-6099 तथा सीएफएल-1522 वैरायटी की फसल सबसे उन्नत किस्म की मानी जाती है। इनका वजन 800 से 1000 ग्राम तक हो जाता है तथा इस कंपनी के बीज द्वारा उगाया गया गोभी का फूल 60 से 65 दिन में पककर एकदम तैयार हो जाता है। इसे मई से जुलाई तक लगा सकते हैं, यह एकदम सफेद रंग के स्वादिष्ट गोभी का फूल होता है।

SV4051AC किस्म की वैरायटी भी बड़े तथा वजनी गोभी के फूल उगाने की क्षमता रखती है। इनके अलावा प्रमुख वैरायटी में पूसा मेघना, पूसा सुभ्रा, पूसा कतकी, पूसा हिम ज्योति, हिमरानी, अर्ली कुंआरी, पूसा दीपाली, समर किंग, पावस, इम्प्रूब्ड जापानी आदि भी शामिल है। उपरोक्त वैरायटियों के परिणाम भी किसान भाइयों को अच्छे देखने को मिले हैं। फिर भी अपने खेत की मिट्टी तथा जलवायु देखकर अन्य तजुर्बेकर किसानों से परामर्श द्वारा ही बीजों का चयन करना चाहिए।
उपयुक्त जलवायु
इसके पौधों की वृद्धि के लिए ठंडी जलवायु व वातावरण का तापमान 15°C से 20°C होना चाहिए। इसकी फसल बलुई दोमट मिट्टी (जो जल निकासी में अच्छी हो) और मिट्टी का पीएच मान 6.0-6.8 तक आदर्श माना जाता है।

खेती करने की विधि:
गोभी के उच्च गुणवत्ता वाले बीजों का चयन करें और इसके बीजों को नर्सरी में रोपें, जब वे पौधे तीन-चार हफ्ते के हो जाएं तब उनमें से स्वस्थ पौधों का चयन कर उन्हें खेत में लगाना चाहिए। इसके पौधों को मिट्टी में एक-दो इंच गहरे तक दबाए व इन्हें पंक्तियों में 18 से 24 इंच की दूरी पर लगाये तो पौधे का विकास अच्छे सेहो पाएगा।
फसल में खाद के रूप में जैविक खाद व नाइट्रोजन, फास्फोरस, पोटाश का संतुलित अनुपात से खाद बनाकर भी उपयोग कर सकते हैं। यह फसल कटाई के लिए ढाई से तीन महीने में तैयार हो जाती है। यानी इसकी फसल जनवरी-फरवरी में आप काट सकते हैं। कटाई के बाद फसल तुरंत बाजार में बेच देनी चाहिए, ताकि उनकी ताजगी बनी रहे और उनके सही मूल्य किसान भाइयों को मिल सके।
डेनिस हेड कैबेज:
गोभी की इस वैरायटी का सलाद, सब्जियों व विभिन्न व्यंजनों में उपयोग होता है। जो अपने विशाल आकार के लिए मशहूर है। इसका उत्पादन भी ठंडी जलवायु में होता है। इसके लिए बलुई, दोमट मिट्टी उपयुक्त होती है। फसल की अच्छी गुणवत्ता के लिए मिट्टी का ph 6.0-6.8 हो अच्छी जल निकास वाली मिट्टी होनी चाहिए।

ध्यान योग्य बातें:
फूलगोभी कि अच्छी पैदावार प्राप्त करने के लिए खेत में पर्याप्त मात्रा में जीवांश का होना अत्यंत आवश्यक है। खेत में 20-25 टन सड़ी हुई गोबर कि खाद या कम्पोस्ट रोपाई के 3-4 सप्ताह पूर्व अच्छी तरह मिला देना चाहिए। इसके अतितिक्त नाइट्रोजन, फास्फोरस एवं पोटाश भी उचित मात्रा में देना चाहिए। नाइट्रोजन कि एक तिहाई मात्रा एवं फास्फोरस तथा पोटाश की पूरी मात्रा अंतिम जुताई या प्रोपण से पहले खेत में अच्छी तरह मिला देना चाहिए।
तो दोस्तों यह थी गोभी की उन्नत एवं विकसित वैरायटी, जिनके उत्पादन से आप अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं। कैसी लगी आपको यह जानकारी कमेंट कर जरूर बताये तथा ऐसी ही अन्य जानकारी के लिए जुड़े रहे "Hello Kisaan"के साथ। धन्यवाद। जय हिंद। जय किसान।
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