भारत में गधे के दूध का बाज़ार

18 Jun 2025 | NA
भारत में गधे के दूध का बाज़ार

जब भी हम दूध का नाम सुनते हैं, तो ज़्यादातर लोगों के दिमाग में गाय, भैंस या बकरी का दूध आता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि गधे का दूध भी स्वास्थ्य और सौंदर्य के लिहाज़ से बहुत खास माना जाता है? यही नहीं, दुनिया की सबसे सुंदर मानी जाने वाली रानी क्लियोपेट्रा भी अपनी त्वचा की देखभाल के लिए गधे के दूध से नहाया करती थीं। भारत के कुछ दक्षिणी हिस्सों में आज भी यह दूध बच्चों को पिलाया जाता है क्योंकि इसे बेहद पौष्टिक माना जाता है।

आइए, इस लेख में गधे के दूध से जुड़ी रोचक और वैज्ञानिक जानकारी को विस्तार से समझते हैं।

1. क्लियोपेट्रा और गधे के दूध का रिश्ता

मिस्र की रानी क्लियोपेट्रा को आज भी उनकी सुंदरता और त्वचा की चमक के लिए याद किया जाता है। ऐतिहासिक तथ्यों के अनुसार, वह हर रोज़ गधे के दूध से स्नान किया करती थीं। कहा जाता है कि उनके लिए एक समय में लगभग 700 गधियों का दूध इकट्ठा किया जाता था, ताकि वह अपनी त्वचा को कोमल और युवा बनाए रख सकें। गधे के दूध में ऐसे तत्व पाए जाते हैं जो त्वचा को नमी देते हैं, झुर्रियां कम करते हैं और त्वचा को प्राकृतिक चमक प्रदान करते हैं। यही कारण है कि आजकल कई सौंदर्य प्रसाधनों में भी गधे के दूध का इस्तेमाल हो रहा है

भारत में गधे के दूध का बाज़ार_1692

2. दक्षिण भारत में बच्चों के लिए अमृत समान

दक्षिण भारत के राज्यों जैसे तमिलनाडु, केरल और आंध्र प्रदेश में गधे के दूध को बच्चों के लिए बेहद फायदेमंद माना जाता है। जब नवजात शिशु को सांस की समस्या, इम्युनिटी की कमजोरी या अपच की शिकायत होती है, तब वहां की परंपरागत दाइयां या ग्रामीण लोग कुछ बूँद गधे का दूध पिलाते हैं।

यह माना जाता है कि गधे का दूध एलर्जी नहीं करता, और इसमें मौजूद लैक्टोज, प्रोटीन और फैट की मात्रा इंसानी दूध से मिलती-जुलती है। यही कारण है कि यह दूध बच्चों के लिए बेहतर पचने वाला और सुरक्षित विकल्प माना जाता है।

3. गधे के दूध में क्या खास होता है?

  1. गधे के दूध में कई ऐसे पोषक तत्व पाए जाते हैं जो सेहत के लिए बेहद लाभकारी हैं:
  2. लैक्टोफेरिन और लाइसोज़ाइम जैसे प्रोटीन – ये शरीर की इम्युनिटी बढ़ाते हैं और बैक्टीरिया से लड़ने में मदद करते हैं।
  3. ओमेगा-3 फैटी एसिड – दिल को स्वस्थ रखते हैं और सूजन कम करते हैं।
  4. विटामिन A, B1, B2, B6, D और E – त्वचा, आंखों और नर्वस सिस्टम के लिए फायदेमंद।
  5. कम फैट और हाई प्रोटीन – वजन कंट्रोल और मांसपेशियों के विकास के लिए अच्छा।

भारत में गधे के दूध का बाज़ार_1692

4. सौंदर्य प्रसाधनों में बढ़ता चलन

आजकल कई बड़े स्किन केयर ब्रांड गधे के दूध से बना साबुन, फेस क्रीम और बॉडी लोशन बना रहे हैं। यह दूध त्वचा को नमी प्रदान करता है और एक्ने, ड्राई स्किन और एजिंग से जुड़ी समस्याओं से राहत दिलाने में सहायक होता है। इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट त्वचा को फ्री-रैडिकल डैमेज से बचाते हैं।

5. भारत में गधे के दूध का बाज़ार

हाल के वर्षों में भारत में भी गधे के दूध की मांग बढ़ी है। हालांकि, इसकी उपलब्धता सीमित है और कीमत भी ज्यादा होती है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, कुछ जगहों पर 10 मिलीलीटर गधे का दूध 200 से 500 रुपये तक में बिकता है। कई स्टार्टअप अब इस दूध को बॉटल में पैक करके मार्केट में ला रहे हैं।

6. क्या है वैज्ञानिकों की राय?

वैज्ञानिकों का मानना है कि गधे का दूध इंसानी दूध से मिलता-जुलता होता है और इसमें कम एलर्जेनिक प्रोटीन होते हैं। यूरोप के कई देशों जैसे इटली और फ्रांस में इसका उपयोग शिशु आहार और मेडिकल न्यूट्रिशन में भी किया जाता है। भारतीय वैज्ञानिक भी इस पर रिसर्च कर रहे हैं ताकि इसे व्यावसायिक रूप से और अधिक लोगों तक पहुंचाया जा सके।

7. गधी का दूध कहाँ बिक रहा है?

मुंबई - मुंबई के धारावी जैसे इलाकों में गधी का दूध बेचा जा रहा है, जहाँ लोग बच्चों को एक चम्मच दूध 50 रुपये में देते है

दक्षिण भारत - कर्नाटक और केरल में गधी के दूध की काफी मांग है, खासकर बेंगलुरु और हैदराबाद जैसे आईटी हब में कई कॉस्मेटिक कंपनियां भी इसे अपने उत्पादों में इस्तेमाल करती है

गुजरात - गुजरात के एक व्यक्ति ने गधी का दूध बेचकर लाखों रुपये कमाना शुरू कर दिया है

8. गधी के दूध से क्या क्या बनता है?

  1. इसके दूध से साबुन, क्रीम, और मॉइस्चराइजर बनाए जाते है
  2. दूध का पाउडर भी बनाया जाता है और बेचा जाता है  
  3. कुछ लोग गधी के दूध को प्रोबायोटिक खाद्य पदार्थों की तैयारी में भी इस्तेमाल करते है
  4. गधी का दूध एंटी-एजिंग उत्पादों के लिए भी इस्तेमाल किया जाता है 
  5. कुछ लोग गधी के दूध को बच्चों के आहार के रूप में इस्तेमाल करते है

9. सावधानियां भी जरूरी हैं

  • हालांकि गधे का दूध फायदेमंद है, लेकिन कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है:
  • दूध पूरी तरह साफ-सुथरे तरीके से निकाला और पैक किया जाना चाहिए।
  • इसे पाश्चराइज़ करके ही सेवन करें ताकि बैक्टीरिया से बचा जा सके।
  • यदि आप एलर्जी-प्रवण हैं तो डॉक्टर से सलाह जरूर लें।

निष्कर्ष

गधे का दूध कोई नई खोज नहीं है, बल्कि यह सदियों पुरानी परंपरा है – चाहे वह क्लियोपेट्रा की सुंदरता की कहानी हो या दक्षिण भारत के ग्रामीण इलाकों में बच्चों को दी जाने वाली पोषण की बूंदें। विज्ञान और परंपरा दोनों इस दूध की उपयोगिता को स्वीकार कर रहे हैं। अब समय आ गया है कि हम भी इसके महत्व को समझें और इसे एक विकल्प के रूप में सोचें – चाहे वह सौंदर्य के लिए हो या सेहत के लिए।

Video Link (CLICK HERE)

Share

Comment

Loading comments...

Also Read

पपीते की खेती – किसानों के लिए फायदे का सौदा
पपीते की खेती – किसानों के लिए फायदे का सौदा

खेती किसानी में अक्सर किसान भाई यह

01/01/1970
एक्सपोर्ट के लिए फसलें: कौन-कौन सी भारतीय फसल विदेशों में सबसे ज्यादा बिकती हैं
एक्सपोर्ट के लिए फसलें: कौन-कौन सी भारतीय फसल विदेशों में सबसे ज्यादा बिकती हैं

भारत सिर्फ़ अपने विशाल कृषि उत्पादन के लिए ही नहीं, बल्कि दुनिया क

01/01/1970
एलोवेरा और तुलसी की इंटरक्रॉपिंग – कम लागत, ज़्यादा लाभ
एलोवेरा और तुलसी की इंटरक्रॉपिंग – कम लागत, ज़्यादा लाभ

आज के समय में खेती सिर्फ परंपरागत फसलों तक सीमित नहीं रही है। बदलत

01/01/1970
Bee-Keeping और Cross Pollination से बढ़ाएं फसल उत्पादन
Bee-Keeping और Cross Pollination से बढ़ाएं फसल उत्पादन

खेती सिर्फ हल चलाने का काम नहीं, ये एक कला है और इस कला में विज्ञा

01/01/1970

Related Posts

Short Details About