राजस्थान के जैसलमेर ज़िले में स्थित कुलधरा गाँव, भारत के सबसे रहस्यमयी स्थानों में से एक माना जाता है। थार के रेगिस्तान में बसा यह गाँव आज वीरान पड़ा है, लेकिन कभी यहाँ जीवन की चहल-पहल हुआ करती थी। इतिहास, रहस्य और लोककथाओं में रुचि रखने वालों के लिए कुलधरा एक आकर्षण का केंद्र बन चुका है।


इतिहास की झलक

करीब 13वीं शताब्दी में बसे इस गाँव को पालीवाल ब्राह्मणों ने बसाया था। ये लोग खेती और व्यापार में निपुण थे। पूरे थार मरुस्थल में पानी की कमी होने के बावजूद उन्होंने वैज्ञानिक ढंग से जल संरक्षण प्रणाली विकसित की थी, जिससे यह गाँव हरा-भरा और समृद्ध बना रहा।

यहाँ करीब 84 गाँवों का एक समूह था, जिनमें कुलधरा सबसे प्रमुख था। सुंदर घर, चौड़ी गलियाँ और समृद्ध संस्कृति इसकी पहचान थी।

एक रात में उजड़ गया गाँव

कुलधरा की सबसे रहस्यमयी बात यह है कि एक रात में पूरा गाँव खाली हो गया लोग अपना सब कुछ छोड़कर चले गए और फिर कभी वापस नहीं आए। कहा जाता है कि 1825 के आसपास यह घटना घटी थी।

किंवदंती के अनुसार, जैसलमेर के दीवान सलिम सिंह की नजर गाँव की एक सुंदर ब्राह्मण लड़की पर पड़ गई थी। उसने लड़की से जबरन शादी करने की धमकी दी। पालीवालों ने अपने आत्मसम्मान की रक्षा के लिए एक साहसी निर्णय लिया  84 गाँवों के सभी लोग एक ही रात में अपने घर छोड़कर चले गए। जाते-जाते उन्होंने गाँव को श्राप दे दिया कि यहां कभी कोई बस नहीं पाएगा।

आज का कुलधरा

आज कुलधरा एक पर्यटक स्थल बन चुका है। यहाँ सन्नाटा तो है, लेकिन हवा में अब भी इतिहास की खुशबू और रहस्य की गूंज है। खंडहर हो चुके मकान, सूनी गलियाँ और टूटी छतें इस बात की गवाही देती हैं कि कभी यहाँ जीवन था।

सरकार ने इसे संरक्षित विरासत स्थल घोषित किया है। यहाँ घूमने आने वाले लोग कहते हैं कि उन्हें एक अलग तरह की ऊर्जा महसूस होती है – कुछ रहस्यमयी, कुछ अद्भुत।


कुलधरा से जुड़े रहस्य

1. भूत-प्रेत की कहानियाँ:

स्थानीय लोग और कुछ पर्यटक दावा करते हैं कि यहाँ रात में अजीब-अजीब आवाजें सुनाई देती हैं  जैसे किसी के चलने की, बात करने की। हालांकि इन दावों की कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं है।

2. पुनर्वास की असफल कोशिशें:

कई बार कोशिश की गई कि कुलधरा को दोबारा बसाया जाए, लेकिन हर बार असफलता हाथ लगी। लोग कहते हैं कि यहाँ की नकारात्मक ऊर्जा ऐसा नहीं होने देती।

पर्यटन और महत्त्व

कुलधरा अब जैसलमेर आने वाले पर्यटकों के लिए एक ‘मस्ट-विज़िट’ स्थान है। यहाँ आकर लोग न सिर्फ एक वीरान गाँव को देखते हैं, बल्कि उस संस्कृति और परंपरा को भी महसूस करते हैं जिसने अपने आत्मसम्मान के लिए सब कुछ छोड़ दिया। राजस्थान पर्यटन विभाग द्वारा इसे ऐतिहासिक विरासत स्थल के रूप में संवारने की कोशिश की जा रही है। अब यहाँ रात में कैम्पिंग, फोटोग्राफी और ‘हॉरर वॉक’ जैसी गतिविधियाँ भी करवाई जाती हैं।

कुलधरा क्यों खास है?

  • यह गाँव सम्मान और एकता का प्रतीक है।
  • रहस्य, इतिहास और संस्कृति का अद्भुत संगम है।
  • यहाँ के खंडहर भी कहानियाँ कहते हैं।

निष्कर्ष

कुलधरा सिर्फ एक वीरान गाँव नहीं है, यह एक विचार है – स्वाभिमान और सामाजिक एकजुटता का। जब भी राजस्थान जाएँ, कुलधरा की इस रहस्यमयी विरासत को जरूर देखने जाएँ। हो सकता है, वहाँ की हवा आपको भी कोई दबी हुई कहानी सुना दे।

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