कबूतर पालन से कमाई: किसानों और युवाओं के लिए नया अवसर

10 Nov 2025 | NA
कबूतर पालन से कमाई: किसानों और युवाओं के लिए नया अवसर

भारत में कबूतरों को हमेशा से शांति और प्रेम का प्रतीक माना गया है। पुराने समय में इन्हें संदेश भेजने के लिए भी पाला जाता था। लेकिन बदलते वक्त में कबूतर पालन सिर्फ शौक तक सीमित नहीं रहा, बल्कि यह अब कमाई का एक अच्छा जरिया बन गया है। गांव हो या शहर, अगर सही तरीके से पिजन फार्मिंग की जाए तो किसान और बेरोजगार युवा भी इससे बढ़िया आय कमा सकते हैं।

आज जब लोग पोल्ट्री फार्मिंग (मुर्गी पालन), गोट फार्मिंग (बकरी पालन) और फिश फार्मिंग (मछली पालन) से जुड़े हुए हैं, उसी तरह कबूतर पालन (पिजन फार्मिंग ) भी धीरे-धीरे लोकप्रिय हो रहा है। इसमें निवेश कम है, देखभाल आसान है और बाजार में मांग लगातार बढ़ रही है।

Profits from Pigeon Farming

क्यों करें पिजन फार्मिंग? 

1. कम निवेश – कबूतरों को पालने में ज्यादा खर्च नहीं आता। बस एक साधारण कबूतर घर बनाना होता है और दाने का इंतजाम करना होता है।

2. तेजी से प्रजनन – कबूतर बहुत तेजी से प्रजनन करते हैं। एक जोड़ा साल भर में 10–12 बच्चे दे सकता है।

3. ज्यादा मांग – कबूतर का मांस कई जगह स्वाद और पोषण के लिए खाया जाता है। साथ ही खेल और शोकेसिंग के लिए भी लोग इन्हें खरीदते हैं।

4. कम जगह में पालन – छोटे-से कमरे या छत पर भी कबूतर पालन आसानी से हो सकता है।

5. तेजी से कमाई – कबूतर पालन शुरू करने के 6–7 महीने में ही आय मिलने लगती है।

कबूतर पालन कैसे शुरू करें?

1. कबूतर घर तैयार करना : कबूतरों के लिए हवादार और सुरक्षित जगह चुनें। लोफ्ट जमीन से ऊपर होना चाहिए ताकि बिल्ली, चूहे या अन्य जानवर नुकसान न पहुंचा सकें।हर जोड़े के लिए अलग-अलग खांचा या डिब्बा बनाना बेहतर रहता है।

2. नस्ल का चुनाव : भारत में किंग, कार्नो, मॉडिना, होमर, और इंडियन कबूतर नस्लें सबसे ज्यादा लोकप्रिय हैं। किंग और कार्नो नस्ल का वजन ज्यादा होता है, इसलिए मांस उत्पादन के लिए बढ़िया मानी जाती हैं। शो और खेलों के लिए होमर और मॉडिना अच्छे रहते हैं।

3. खाने-पीने की व्यवस्था : कबूतरों को मक्का, बाजरा, चना, मूंग और गेहूं का मिश्रण दिया जा सकता है। पानी हमेशा साफ और ताजा होना चाहिए। हफ्ते में एक-दो बार विटामिन और खनिज सप्लीमेंट देना चाहिए ताकि कबूतर स्वस्थ रहें।

4. देखभाल : कबूतर साफ-सुथरे वातावरण में जल्दी बढ़ते हैं। समय-समय पर टीकाकरण और दवा देना जरूरी है। हर 15–20 दिन में लोफ्ट को साफ करना चाहिए।

कबूतर पालन से कमाई कैसे होती है?

1. मांस उत्पादन से – कबूतर का मांस पौष्टिक होता है और इसकी मांग रेस्टोरेंट व होटल में रहती है। एक कबूतर का वजन 500–700 ग्राम तक होता है और बाजार में इसकी कीमत ₹400–₹600 तक मिल सकती है।

2. नवजात कबूतर बेचकर – नवजात कबूतर की बाजार में अच्छी कीमत मिलती है। किसान इन्हें 200–300 रुपये प्रति जोड़ा बेच सकते हैं।

3. पिजन रेसिंग और शौक – शहरों में कबूतरबाजी और पिजन शो की परंपरा काफी पुरानी है। लोग अच्छे नस्ल के कबूतर हजारों रुपये तक में खरीद लेते हैं।

4. प्रजनन से – एक जोड़ा साल में 10–12 बच्चे देता है। यानी अगर आपके पास 50 जोड़े हैं तो सालभर में 500 से ज्यादा बच्चे हो सकते हैं। इन्हें बेचकर अच्छा मुनाफा कमाया जा सकता है।

5. खाद से – कबूतर की बीट (मल) खेतों के लिए बेहतरीन खाद होती है। किसान इसे खेत में डाल सकते हैं या पैक करके बेच भी सकते हैं।

निवेश और मुनाफा का अनुमान

अगर कोई किसान 50 जोड़े कबूतर (100 कबूतर) से शुरुआत करता है तो शुरुआती खर्च लगभग ₹30,000–₹40,000 आता है। खाने और देखभाल पर महीने का खर्च ₹4,000–₹5,000 तक होता है। पहले 6 महीने में कबूतर प्रजनन शुरू कर देते हैं और 1 साल में यह संख्या दोगुनी-तिगुनी हो जाती है। एक साल में 50 जोड़े से आप लगभग ₹1.5 लाख – ₹2 लाख तक की कमाई कर सकते हैं।

Pigeon Farming Business Plan

किन-किन जगहों पर कबूतरों की मांग है?

1. लोकल बाजार और मीट शॉप 2. होटल और रेस्टोरेंट 3. कबूतर शो और प्रतियोगिताएं 4. पालतू जानवर के शौकीन लोग 5. निर्यात (Export) – अरब देशों में कबूतर मांस की काफी मांग है।

चुनौतियां और सावधानियां

कबूतरों में बीमारियां जल्दी फैल सकती हैं, इसलिए सफाई बेहद जरूरी है। गर्मी और ठंड दोनों में इन्हें सुरक्षित रखने के लिए शेड और वेंटिलेशन पर ध्यान देना होगा। शुरुआती दौर में बाजार से जुड़ना थोड़ा मुश्किल हो सकता है, लेकिन लोकल डीलरों और पोल्ट्री मार्केट से संपर्क बनाना जरूरी है।

निष्कर्ष

पिजन फार्मिंग उन किसानों और युवाओं के लिए बेहतर विकल्प है जो कम लागत में जल्दी मुनाफा चाहते हैं। यह काम ज्यादा मेहनत वाला भी नहीं है और छोटे स्तर पर घर की छत से भी शुरू किया जा सकता है। अगर आप सही नस्ल चुनें, स्वास्थ्य पर ध्यान दें और बाजार से जुड़ें तो कबूतर पालन से सालाना लाखों रुपये तक की कमाई संभव है। यानी, जहां बाकी पशुपालन में भारी निवेश की जरूरत पड़ती है, वहीं कबूतर पालन किसानों को कम खर्च में बड़ा मुनाफा देने वाला व्यवसाय बन सकता है।  ऐसी अमेजिंग जानकारी के लिए जुड़े रहे Hello Kisaan के साथ और आपको ये जानकारी कैसी लगी हमे कमेंट कर के जरूर बताइये ।। जय हिन्द जय भारत ।।

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