बिल गेट्स के पास खेती की कितनी ज़मीन है?


जब दुनिया की सबसे अमीर और प्रभावशाली हस्तियों की बात होती है, तो बिल गेट्स का नाम सबसे ऊपर आता है। माइक्रोसॉफ्ट के सह-संस्थापक, अरबों डॉलर की संपत्ति के मालिक और परोपकार के लिए मशहूर बिल गेट्स को आज पूरी दुनिया तकनीक और विज्ञान के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए जानती है। लेकिन हाल के वर्षों में उन्होंने एक ऐसा कदम उठाया है जिसने सबको चौंका दिया - कृषि भूमि खरीदना।

बिल गेट्स
बिल गेट्स का जन्म 28 अक्टूबर 1955 को अमेरिका के वाशिंगटन राज्य के सिएटल शहर में हुआ था। पढ़ाई में शुरू से ही तेज़ रहे गेट्स ने हार्वर्ड यूनिवर्सिटी को बीच में छोड़कर पॉल एलन के साथ माइक्रोसॉफ्ट कंपनी की शुरुआत की। यह कंपनी आगे चलकर दुनिया की सबसे बड़ी सॉफ्टवेयर कंपनी बनी और बिल गेट्स विश्व के सबसे अमीर व्यक्ति बन गए।
लेकिन उन्होंने सिर्फ पैसे कमाने में रुचि नहीं ली, बल्कि समाज सेवा और वैश्विक समस्याओं के समाधान के लिए भी काम किया। बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन के ज़रिए उन्होंने टीकाकरण, स्वच्छता, महिला सशक्तिकरण, जलवायु परिवर्तन और कृषि जैसे क्षेत्रों में निवेश किया।
खेती में बिल गेट्स की रुचि कैसे शुरू हुई?
बिल गेट्स ने अपने एक ब्लॉग में लिखा था कि “जलवायु परिवर्तन को रोकने और विश्व की बढ़ती आबादी का पेट भरने के लिए कृषि क्षेत्र में क्रांति जरूरी है। यहीं से उनकी खेती में दिलचस्पी शुरू हुई। उनका मानना है कि टिकाऊ और वैज्ञानिक खेती से दुनिया को भूखमरी से बचाया जा सकता है।
इसके साथ ही, कृषि ज़मीनों का मालिकाना हक़ भविष्य में बहुत मूल्यवान संपत्ति बन सकता है एक रणनीतिक निवेश के रूप में।
कितनी खेती की ज़मीन है बिल गेट्स के पास?
2021 की रिपोर्ट के अनुसार, बिल गेट्स के पास अमेरिका में लगभग 2,42,000 एकड़ कृषि भूमि है। यह भूमि 18 से अधिक राज्यों में फैली हुई है। उन्होंने यह ज़मीन "कैस्केड इन्वेस्टमेंट" नाम की कंपनी के ज़रिए खरीदी, जो उनका निजी निवेश फंड है।
इस ज़मीन का विवरण कुछ यूं है:
राज्य एकड़ भूमि
- लुइसियाना 69,071 एकड़
- अर्कांसस 47,927 एकड़
- नेब्रास्का 20,588 एकड़
- एरिज़ोना 25,750 एकड़
- वॉशिंगटन 16,097 एकड़
और अन्य राज्य बाकी ज़मीन
यह मात्रा इतनी अधिक है कि अगर तुलना करें तो यह दिल्ल्ली या मुंबई जैसे शहरों से भी अधिक क्षेत्रफल हो सकता है।
वे इस ज़मीन का क्या करते हैं?
बिल गेट्स ने जो ज़मीनें खरीदी हैं, उनका उपयोग सिर्फ उगाने के लिए ही नहीं, बल्कि उन्नत और टिकाऊ कृषि प्रयोगों के लिए किया जा रहा है। उनमें से कुछ भूमि पर गेहूं, मकई, सोयाबीन, आलू और चुकंदर जैसी फसलें उगाई जाती हैं।
उनका लक्ष्य है:
- बेहतर बीजों का विकास
- जल संरक्षण तकनीक
- सौर ऊर्जा और स्मार्ट सिंचाई प्रणाली
- कार्बन फ्री खेती
वे चाहते हैं कि भविष्य की खेती कम ज़मीन, कम पानी और कम रसायनों में भी अधिक उत्पादन दे सके खेती की ओर रुख़ करना एक बड़ा संकेत है कि भविष्य का निवेश खेतों में छिपा है। जहां एक तरफ वे तकनीक और दवा के क्षेत्र में क्रांति ला चुके हैं, वहीं अब उनकी नजरें "ग्रीन क्रांति 2.0" पर हैं।

क्या इसके पीछे कोई बड़ा मकसद है?
कुछ लोग इसे एक सामाजिक उद्देश्य मानते हैं, जबकि कुछ इसे एक स्मार्ट निवेश। बिल गेट्स खुद कहते हैं कि यह निवेश न सिर्फ उन्हें मुनाफा देगा बल्कि वैश्विक खाद्य सुरक्षा में भी योगदान करेगा। ग्लोबल वार्मिंग, भूमि क्षरण, और जनसंख्या विस्फोट जैसी समस्याओं को देखते हुए यह निवेश भविष्य में और भी महत्वपूर्ण बन सकता है।
आलोचना भी हुई
बिल गेट्स की इतनी बड़ी मात्रा में कृषि भूमि खरीदने पर सवाल भी उठे। कुछ आलोचकों ने इसे "जमीन की सत्ता का केंद्रीकरण" कहा। उनका कहना है कि जब एक अरबपति इतनी भूमि खरीदता है, तो छोटे किसानों के लिए ज़मीन महंगी हो जाती है।
हालांकि, गेट्स ने साफ कहा है कि उनका इरादा किसानों की मदद और कृषि नवाचारों को बढ़ावा देना है।
निष्कर्ष
बिल गेट्स अब सिर्फ टेक्नोलॉजी और हेल्थकेयर के ही लीडर नहीं हैं, बल्कि वह अमेरिका के खेती क्षेत्र में भी एक बड़ी भूमिका निभा रहे हैं।
उनके पास 2.5 लाख एकड़ से ज़्यादा खेती की ज़मीन है।
यह ज़मीन 19 राज्यों में फैली हुई है।
यह निवेश उन्होंने टिकाऊ खेती और बेहतर उत्पादन के उद्देश्य से किया है।
चाहे उनके कदम की वजह निवेश हो, या नवाचार — यह साफ है कि खेती अब सिर्फ किसानों का काम नहीं रह गया। दुनिया के सबसे अमीर लोग भी अब मिट्टी की ताकत को पहचानने लगे हैं।
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