सेकेंड हैंड ट्रैक्टर खरीदने की टिप्स


खेती में ट्रैक्टर केवल एक मशीन नहीं, बल्कि मेहनत को कम और उत्पादन को ज़्यादा करने वाला एक सच्चा साथी है। लेकिन हर किसान के पास नया ट्रैक्टर खरीदने का बजट नहीं होता। ऐसे में सेकेंड हैंड ट्रैक्टर एक बढ़िया विकल्प बन सकता है, बशर्ते आप इसे खरीदते समय सही जानकारी और सावधानी बरतें। सही जांच-पड़ताल करके लिया गया पुराना ट्रैक्टर लंबे समय तक अच्छा साथ निभा सकता है।
यहां हम आपको बताने जा रहे हैं 10 बेहतरीन टिप्स, जो सेकेंड हैंड ट्रैक्टर खरीदते वक्त आपके बेहद काम आएंगी।

1. जरूरत पहचानें, दिखावे में न आएं
ट्रैक्टर खरीदने से पहले सबसे जरूरी है कि आप अपनी ज़रूरत को समझें। क्या आपको हल चलाने के लिए ट्रैक्टर चाहिए, ट्रॉली चलाने के लिए या मल्टीपर्पज़ इस्तेमाल के लिए? छोटे खेतों के लिए 20-30 HP का ट्रैक्टर सही रहेगा, जबकि बड़े खेतों के लिए 40-60 HP का ट्रैक्टर जरूरी हो सकता है। सिर्फ ब्रांड या मॉडल देखकर न खरीदें, पहले जरूरत तय करें।
2. इंजन और चालू स्थिति का परीक्षण करें
इंजन ट्रैक्टर की जान होता है। ट्रैक्टर को स्टार्ट करके उसकी आवाज़ को गौर से सुनें – अगर कोई अजीब आवाज़ या धुंआ निकल रहा है तो यह खराबी का संकेत है। काले धुएं का मतलब हो सकता है कि इंजन पुराना या जला हुआ है। इसके अलावा क्लच, ब्रेक, स्टीयरिंग और गियरबॉक्स भी अच्छी तरह चेक करें।
3. ऑवर मीटर और मॉडल वर्ष देखें
हर ट्रैक्टर में एक घंटे गिनने वाला मीटर होता है जिससे पता चलता है कि ट्रैक्टर कितने समय तक इस्तेमाल किया गया है। 4000 घंटे से कम चला ट्रैक्टर आमतौर पर बेहतर माना जाता है। साथ ही, मॉडल ईयर और आरसी (RC) पर लिखा रजिस्ट्रेशन वर्ष मिलाकर देखें कि ट्रैक्टर की असल उम्र कितनी है।
4. टायर और बॉडी की स्थिति जांचें
पुराने टायर जल्दी बदलने पड़ सकते हैं, जो कि एक बड़ा खर्च है। टायर की गहराई, फटे हुए हिस्से या जंग लगे रिम्स देखकर अंदाजा लगाएं कि उनकी हालत कैसी है। साथ ही, ट्रैक्टर की बॉडी में कहीं जंग, ज्यादा वेल्डिंग या टूटी-फूटी जगह तो नहीं, ये सब भी देखें।
5. PTO और हाइड्रोलिक की कार्यक्षमता जांचें
PTO (Power Take Off) से ही रोटावेटर, थ्रेशर जैसे आधुनिक उपकरण चलते हैं। हाइड्रोलिक सिस्टम की सहायता से ट्रैक्टर भारी उपकरण उठाता है। ये दोनों ही सुचारु रूप से चल रहे हैं या नहीं, इसकी जांच जरूर करें। रिसाव या धीमा काम करने वाले सिस्टम भविष्य में परेशानी दे सकते हैं।

6. कागज़ात की जांच: RC, NOC, इंश्योरेंस
ट्रैक्टर के वैध रजिस्ट्रेशन की पुष्टि जरूरी है। RC पर लिखा इंजन और चेसिस नंबर गाड़ी से मिलाएं। अगर ट्रैक्टर किसी और जिले से खरीदा जा रहा है तो NOC (No Objection Certificate) अनिवार्य है। साथ ही इंश्योरेंस और पॉल्यूशन सर्टिफिकेट भी जांचें।
7. बाजार रेट और मोलभाव कीजिए समझदारी से
कोई भी सेकेंड हैंड ट्रैक्टर खरीदने से पहले Hello kisaan जैसी वेबसाइटों पर उसकी औसत बाजार कीमत जांच लें। फिर ट्रैक्टर की हालत देखकर उचित मोलभाव करें। कीमत ज्यादा न दें, लेकिन बहुत सस्ता सौदा भी न करें – जो बाद में भारी पड़ सकता है।
8. सर्विस रिकॉर्ड और मेंटेनेंस हिस्ट्री पूछें
अगर ट्रैक्टर की सर्विस कंपनी में हुई हो तो उसकी हिस्ट्री उपलब्ध होगी। इससे आप जान पाएंगे कि ट्रैक्टर कब-कब और किस वजह से सर्विस हुआ। अगर ट्रैक्टर लगातार खराबियों की वजह से सर्विस में जाता रहा है तो सोच-समझकर निर्णय लें।
9. बिल और बिक्री अनुबंध जरूर बनवाएं
खरीदारी के समय एक पक्का बिल या लिखित एग्रीमेंट जरूर लें जिसमें ट्रैक्टर की डिटेल्स, कीमत, खरीदार और विक्रेता के नाम व साइन हों। यह दस्तावेज़ भविष्य में किसी भी विवाद या कानूनी परेशानी से आपको बचा सकता है।

बोनस सुझाव
- किसी जानकार मैकेनिक को साथ ले जाएं जो तकनीकी चीजों को जांच सके।
- दिन के उजाले में ट्रैक्टर की जांच करें, ताकि बॉडी डैमेज या ऑयल लीकेज साफ दिखाई दे।
- टेस्ट ड्राइव जरूर लें – यही बताएगा ट्रैक्टर आपके खेत के लिए फिट है या नहीं।
- पुराना ट्रैक्टर खरीदने के बाद उसमें नया इंजन ऑयल और फिल्टर जरूर डलवाएं।
सही जानकारी = सही ट्रैक्टर
सेकेंड हैंड ट्रैक्टर खरीदना कोई छोटी बात नहीं है। यह आपके समय, पैसे और मेहनत – तीनों से जुड़ा फैसला है। यदि आप ऊपर बताई गई सावधानियों के साथ ट्रैक्टर खरीदते हैं, तो यह आपके खेत के लिए उतना ही उपयोगी हो सकता है जितना एक नया ट्रैक्टर। फर्क सिर्फ इतना होगा कि आपने कम खर्च में एक बड़ा काम कर लिया। ऐसी और जानकारी के लिए जुड़े रहिए Hello Kisaan के साथ!आपको ये जानकारी कैसी लगी? नीचे कमेंट करके ज़रूर बताएं।
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