ट्रैप क्रॉप्स: फसल सुरक्षा की जैविक ढाल


खेती एक विज्ञान है और हर किसान एक वैज्ञानिक। लेकिन जब बात फसलों को कीटों से बचाने की आती है, तो रासायनिक कीटनाशकों के बजाय प्राकृतिक और पर्यावरण अनुकूल उपायों को अपनाना अब ज़रूरी हो गया है। ऐसी ही एक बेहतरीन तकनीक है "ट्रैप क्रॉप्स" यानी प्रलोभन फसल।
आज हम जानेंगे कि ट्रैप क्रॉप्स क्या होती हैं, कैसे काम करती हैं, कौन-कौन सी फसलों के लिए कौन-सी ट्रैप क्रॉप्स सबसे उपयुक्त हैं और इसके क्या लाभ हैं। आइए समझते हैं खेती के इस अनोखे और कारगर उपाय को सरल भाषा में।

ट्रैप क्रॉप्स क्या हैं?
ट्रैप क्रॉप्स वे फसलें होती हैं जो मुख्य फसल के पास लगाई जाती हैं ताकि कीट मुख्य फसल पर हमला न करके पहले इन प्रलोभन फसलों पर जाएं। इसे आप ऐसे समझ सकते हैं जैसे आपने मेहमान को असली मिठाई देने से पहले कुछ नकली मिठाई दिखा दी – ताकि असली चीज़ बची रहे।
इन फसलों का उद्देश्य होता है कीटों का ध्यान भटकाना और उन्हें मुख्य फसल से दूर रखना।
ट्रैप क्रॉप्स कैसे काम करती हैं?
1. कीट आकर्षण:
ट्रैप फसलें ऐसी होती हैं जो कीटों को अपनी ओर अधिक आकर्षित करती हैं। कीट इन पर पहले हमला करते हैं।
2. मुख्य फसल की सुरक्षा:
जब कीट ट्रैप क्रॉप पर आ जाते हैं, तो मुख्य फसल पर उनकी संख्या काफी कम हो जाती है।
3. नियंत्रित कीटनाशक उपयोग:
कीटनाशक सिर्फ ट्रैप क्रॉप्स पर उपयोग किए जा सकते हैं, जिससे पर्यावरण पर असर भी कम होता है और लागत भी बचती है।
ट्रैप क्रॉप्स के उदाहरण
मुख्य फसल ट्रैप क्रॉप मुख्य कीट
कपास (Cotton) अरहर (Pigeon Pea), तिल (Sesame) सफेद मक्खी, हरा तेला
टमाटर (Tomato) सरसों (Mustard) एफिड्स, फल छेदक कीट
गोभी (Cabbage) राई (Mustard), काले सरसों डायमंड बैक मॉथ
बैंगन (Brinjal) सूरजमुखी (Sunflower) फल छेदक कीट
मिर्च (Chilli) अरहर, भिंडी थ्रिप्स, माइट्स
ट्रैप क्रॉप्स के फायदे
1. कीट नियंत्रण में सहायता:
बिना रासायनिक कीटनाशकों के कीटों को नियंत्रित करना संभव होता है।
2. पर्यावरण के अनुकूल:
जैविक खेती को बढ़ावा मिलता है, मृदा और जल स्रोतों को नुकसान नहीं होता।
3. लागत में कमी:
कीटनाशक की खपत घटती है जिससे उत्पादन लागत कम होती है।
4. जैव विविधता में वृद्धि:
ये तकनीक खेतों में पौधों और कीटों की विविधता बनाए रखती है जो स्थायी कृषि के लिए आवश्यक है।
5. दूसरी आमदनी का साधन:
कई ट्रैप क्रॉप्स जैसे अरहर या तिल को किसान उपज के रूप में भी बेच सकते हैं।
ट्रैप क्रॉप्स अपनाने से पहले ध्यान देने योग्य बातें
ट्रैप क्रॉप्स को मुख्य फसल से थोड़ा पहले बोना चाहिए ताकि वे समय रहते कीटों को आकर्षित कर सकें।
ट्रैप क्रॉप्स की दूरी और कतारें सही तरीके से लगानी चाहिए ताकि कीट सीधे उन पर जाएं।
समय-समय पर ट्रैप फसलों का निरीक्षण करना जरूरी है ताकि उन पर कीटों की संख्या देखी जा सके।
यदि आवश्यक हो तो ट्रैप फसलों पर ही कीटनाशक का छिड़काव किया जाए।

विशेषज्ञों की राय
कृषि वैज्ञानिकों का मानना है कि यदि भारत के किसान ट्रैप क्रॉप्स को अपनाएं तो न केवल कीटनाशकों की खपत में 40-60% तक की कमी आ सकती है, बल्कि फसल की गुणवत्ता और उत्पादन भी बेहतर हो सकता है। जैविक उत्पादों की मांग बढ़ने के कारण यह तरीका आर्थिक रूप से भी लाभकारी सिद्ध हो रहा है।
ट्रैप क्रॉप्स क्या होती हैं
ट्रैप क्रॉप्स के उदाहरण
- जैविक खेती में ट्रैप क्रॉप्स का उपयोग
- पर्यावरण अनुकूल खेती
- कीट नियंत्रण के उपाय
निष्कर्ष
आज की खेती सिर्फ फसल उगाने तक सीमित नहीं है, बल्कि इसे सुरक्षित, टिकाऊ और पर्यावरण अनुकूल बनाना ज़रूरी है। ट्रैप क्रॉप्स एक ऐसा ही तरीका है जो बिना रसायनों के कीटों से रक्षा करता है, मिट्टी की सेहत बनाए रखता है और किसान की जेब भी बचाता है।
तो अगली बार जब आप कोई फसल लगाएं, एक ट्रैप क्रॉप साथ में लगाना न भूलें। ये छोटा सा बदलाव आपकी खेती की दिशा ही बदल सकता है। ऐसी अमेजिंग जानकारी के लिए जुड़े रहे Hello Kisaan के साथ और आपको ये जानकारी कैसे लगी हमे कमेंट कर के जरूर बताइये आपका अनुभव हमारे लिए महत्वपूर्ण है। ।।जय हिन्द, जय किसान ।।
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